अररिया से जाकर अयोध्या में साधु ने का’टा हाथ का पंजा, पीएम मोदी के नाम लिखा पत्र

अररिया : राम नगरी अयोध्या में सरयू घाट पर स्नान करने के बाद अज्ञात साधु ने अपना हाथ का पंजा काट दिया. साधु की हालत गंभीर होने पर लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया है. साधु की पहचान विमल कुमार समाजसेवी ग्राम पंचायत सिमरनि जिला अररिया बिहार के रूप में हुई है.

पीएम मोदी के नाम लिखा पत्र

साधु की जेब से एक पत्र मिला है. यह पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखा गया है. इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा मिट्टी भराई, शौचालय योजना, राजस्व और भूमि सुधार सड़क ढलाई योजना, कन्या विवाह योजना सहित कई अन्य योजनाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है.

साधु की हालत गंभीर

इसने सोमवार सुबह सरयू तट के किनारे अपने हाथ के पंजे को काट लिया था. साधु का दाहिना हाथ पूरी तरह से कटकर अलग हो गया. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों ने किसी तरह घायल साधु को अस्पताल पहुंचाया था. जहां से उसकी हालत नाजुक होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया. डॉक्टरों ने साधु की हालत गंभीर बताई है. सीओ अयोध्या राजेश तिवारी ने बताया कि प्राथमिक तौर पर घायल व्यक्ति का इलाज कराया जा रहा है. परिजनों से संपर्क कर घटना की जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है.

घटना को अंजाम देने से पहले साधु ने सरयू घाट में डुबकी लगाई थी और फिर नए वस्त्र धारण किए. उसके बाद धारदार हथियार से साधु ने हाथ का पंजा काट लिया. अयोध्या में सरयू तट पर सोमवार को एक साधु ने अपने दाहिने हाथ का पंजा काट लिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल साधु वेशधारी को श्रीराम अस्पताल में भर्ती कराया. यहां उसकी हालत गंभीर होने के कारण मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया गया.

मेघा चौकी प्रभारी विजयंत मिश्रा ने बताया, ”प्रारंभिक जांच में पता चला है कि साधु वेषधारी बिहार का रहने वाला है. वो किसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर आहत था. इसके चलते उसने अपने हाथ का पंजा काट लिया. वह मानसिक रूप से बीमार भी लग रहा है. साधु की हालत गंभीर है. मंडलीय अस्पताल में भर्ती हैं. हालत सामान्य होने पर और पूछताछ में आगे की जानकारी सामने आएगी.”

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading