पटना: नगर निकाय चुनाव के स्थगित होने के बाद से बिहार की सियासत में हलचल तेज है. बीजेपी पर लगाने को लेकर बीजेपी राज्य सरकार के पूर्व विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने जोरदार जवाब दिया. प्रमोद कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री की हठधर्मिता के कारण हाई कोर्ट को चुनाव पर रोक लगानी पड़ी है. बता दें कि प्रमोद कुमार मोतिहारी सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक हैं और पूर्व वित्त मंत्री हैं.

पूर्व विधि मंत्री ने कहा, जब में विधि मंत्री था उस समय नगर निकाय की फाइल मेरे सामने लायी गयी थी. अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद नगर निकाय चुनाव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन के बाद ही कराने की राय दी थी. इसमें अधिकारियों की भी सहमति थी. लेकिन, मुख्यमंत्री की हठधर्मिता के कारण चुनाव की घोषणा हुई और हाई कोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी.

प्रमोद कुमार ने कहा कि बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी. त ब से लगातार JDU के लोग बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. पूर्व विधि मंत्री ने कहा कि यह चुनाव मुख्यमंत्री की हठधर्मिता के कारण स्थगित हुआ है और बेवजह प्रत्याशियों के करोड़ों रुपये खर्च हुए. इसके लिए मुख्यमंत्री सीधे तौर पर दोषी हैं. इस गलती के लिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना होगा. उन्होंने कहा कि जदयू के लोगों को और मुख्यमंत्री को भारत के संविधान का ज्ञानवर्धन करना चाहिए.

भाजपा विधायक ने कहा, राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने हाई कोर्ट में हाजिर होकर सरकार को नियमों को मानने की प्रतिबद्धता जतायी थी और आज ये लोग हठधर्मिता के तहत चुनाव कराने लगे. उन्होंने कहा कि अन्य मामले में लोग कोर्ट में हाजिर होकर जमानत कराये और कोर्ट से अब सजा हो रही है तो कहते हैं कि भाजपा दिला रही है. पहले ही कोर्ट में हाजिर नहीं होना चाहिए और जमानत नहीं करानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के पूर्व सरकार के अधिकारी चुनाव नहीं कराने की बात कह रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री की हठधर्मिता के कारण चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई. मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना होगा.


