मुजफ्फरपुर : जिले में लीची के निर्यात प्रोत्साहन को लेकर समाहरणालय सभागार में बैठक हुई। जिसमें जिले के प्रमुख फल लीची का अन्तराष्ट्रीय स्तर पर उद्योग विस्तार प्रसंस्करण, उसके बाजार के बढ़ते संभावनाओं पर विचार किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से वरीय भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी, विश्व व्यापार संगठन जेनेवा स्विटजरलैंड में भारतीय राजदूत व स्थायी प्रतिनिधि ने इस औद्योगिक मंच को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश देकर उद्यमियों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी एवं महाप्रबंधक ने भी अपनी बात रखी। डीआरडीए निदेशक ने बताया कि जिले में लीची उत्पादन पूरे देश के उत्पादन में विशेष स्थान रखता है।
प्रतिवर्ष 1.8 लाख टन जिले कि उत्पादन क्षमता है। बैठक में मुख्य रूप से निर्यात संवर्धन में आ रही समस्याओं को लेकर परिचर्चा की गई।

ट्रांसपोटेशन, प्रसंस्करण, बाजार में आपूर्ति उचित एवं अनुकूल तापमान पर क्रियान्वित करने के लिए वातावरण निर्माण पर समीक्षा हुई।

खेत से उपभोक्ता तक लीची को पर्याप्त हाइजेनिक के साथ पहंचाना तथा किसानों को आर्थिक लाभ अधिकाधिक मिले इस पर जोर दिया गया।
उन्हें प्रशिक्षित और जागरूक करने के संबंध में भी निदेश दिया गया। इस अवसर पर डीएम प्रणव कुमार, डीडीसी आशुतोष द्विवेदी व डीआरडीए निदेशक चंदन चौहान उपस्थित थे।



