मुजफ्फरपुर के नवरूणा म’र्डर केस की गु’त्थी नहीं सुलझा सकी थी CBI, अब ला’पता खुशी को खोजने की चुनौती

बिहार के मुजफ्फरपुर में  20 माह से गायब 6 साल की बच्ची खुशी को पुलिस अब तक नहीं खोज पाई है। ब्रम्हपुरा थाना के लक्ष्मी चौक से बच्ची पिछले साल 16 फरवरी को घर के पास खेलते-खेलते बच्ची गायब हो गई थी। खुशी सरस्वती पूजा पंडाल में खेल रही थी। शाम को वह रहस्यमय ढंग से गायब हो गई। परिजन हाईकोर्ट की शरण में हैं।  न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। मामले पर सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर पुलिस पर कड़ी टिप्पणी की। पुलिस की बहानेबाजी से नाराज कोर्ट अब यह केस सीबीआई को सौंप देने का मन बना रही है।

मुजफ्फरपुर के नवरूणा मर्डर केस की गुत्थी नहीं सुलझा सकी थी CBI, अब 20 महीने से लापता खुशी को खोजने की चुनौती

खुशी की तलाश के लिए सीबीआई को जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा से देश भर में चर्चित नवरूणा अपहरण-हत्या कांड की याद आ जाती है। 18 सितमंबर 2011 को सातवीं की छात्रा नवरुणा को उसके कमरे से अगवा कर लिया गया था। बाद में उसका शव उसके घर से पास नाले से बरामद किया गया था। बिहार पुलिस और सीआडी जब इस केस को नहीं सुलझा सकी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुशंसा पर मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया गया था। मगर दस साल बाद भी सीबीआई न तो इस कांड की गुत्थी सुलझा पाई न ही हत्यारों तक पहुंच पाई। उलटे सीबीआई ने जांच का बंद लिफाफा कोर्ट में सौंप कर जांच से हाथ खड़े कर दिया। सीबीआई ने अपनी असमर्थता जताते हुए कांट की जानकारी देने वालों को 10 लाख इनाम देने की घोषणा कर दी

जांच एजेंसियों पर कार्रवाई की मांग

नवरूणा के नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती और मां मैत्रेयी चक्रवर्ती CBI के साथ साथ इस कां के जांच में शामिल अन्य जांच एजेंसी पर कार्रवाई की मांग सरकार से कर रहे हैं। अतुल्य चक्रवर्ती कहते हैं कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ने उनके साथ न्याय नहीं किया। लेकिन उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। उन्हें उम्मीद है कि एक न एक दिन उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा।

अतुल्य चक्रवर्ती कहते हैं कि सीबीआई ने उनके केस को लटका दिया। परिवार वालों को आश्वासन दिया जाता रहा और दोषियों को पकड़ने की कार्रवाई नहीं की गयी। नवरूणा के पिता ने जांच एजेंसियों के अफसरों की कार्यशैली और उनके रिपोर्ट की जांच की जानी चाहिए। उनकी कहना है कि अंतिम सांस तक वे बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे।

नवरूणा कांड एक नजर में

18 सितंबर 2012 को  मुजफ्फरपुर के  जवाहरलाल रोड स्थित पैत्रिक घर से नवरुणा को अगवा किया गया।

26 नवंबर 2012 को  घर के सामने वाले सड़क किनारे बनाए गये नाले नर कंकाल मिला।

12 जनवरी 2013 को   कांड की जांच का जिम्मा बिहार पुलिस से लेकर सीआईडी को दिया गया।

14 फरवरी 2014 को यह केस सीआईडी से वापस लेकर सीबीआई को दिया गया।

2014 से लेकर अब तक सीबीआई ने जांच कर रहे 5 अनुसंधान पदाधिकारी बदले। इस पर सवाल उठाए गए जांच के दौरान बदले गए।

2021 में सीबीआई ने नवरूणा कांड की गुत्थी सुलझाने में सूचना देने वालों को दस लाख इनाम देने की घोषणा कर दी.

14 दिसंबर 2019 के बाद से सीबीआई ने नवरुणा के माता पिता  से मुलाकात नहीं की। उनकी भेंट अक्सर कोर्ट में डेट पर होती रहती है। सीबीआई के पास दुखी माता पिता के सवालों का कोई जवाब नहीं है।

एक बार फिर मुजफ्फरपुर में सीबीआई को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।  6 साल की खुशी की खोजने में पुलिस अबतक असमर्थ है। सामाजिक स्तर पर खुशी खोजने की कोशिश की जा रही है। हाईकोर्ट के फैसले पर सीबीआई को यह जिम्मा दिया जा सकता है। सवाल उठने लगा है कि सीबीआई खुशी को खोज पाएगी या इसका हश्र भी नवरूणा कांड जैसा होगा।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading