पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राजधानी स्थित बापू सभागार में 9426 चयनित स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इसके अतिरिक्त राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय डुमरांव, बक्सर तथा बेगूसराय का शिलान्यास किया। इनकी लागत 515-515 करोड़ रुपए है। इसके अतिरिक्त 224.19 करोड़ की लागत से पूरी हुई योजनाओं का उद्घाटन किया।
लोगों की सहूलियत के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना का भी आरंभ किया जो देश में अपने किस्म की पहली योजना है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दिनों यह सूचनाएं मिल रही हैं कि मेडिकल कालेज में जो चिकित्सक पदस्थापित किए गए हैं वह वहां कम रहने लगे हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि जो पदस्थापित वे अगर मेडिकल कालेज का काम नहीं करेंगे तो अच्छी बात नहीं होगी। हमलोगों का उद्देश्य है कि जो भी बीमार हैं उन सभी का इलाज सही ढंग से हो। हमलोगों को अपनी तरफ से सभी के लिए हर तरह के इलाज का इंतजाम करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को नयी जिम्मेदारी मिली है वे अपना काम ठीक ढंग से करें। सभी लोग अपना दायित्व निभाएं। यह बताया कि पांच हजार पदों पर नियोजन की प्रक्रिया अंतिम चरण मे है। अगले वर्ष तक 37,410 पदों पर नियुक्ति हो जाएगी। नवनियुक्त कर्मियों का मुख्यमंत्री ने यह आह्वान किया कि सभी लोग ठीक से काम करें।
इस मौके पर सभी जिलों में मेडिकल कालेज खोले जाने की चर्चा के क्रम में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियाें को यह निर्देश दिया कि जल्द ही भोजपुर में मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के निर्माण का काम आरंभ कराएं।
इसके लिए वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय परिसर के पास जमीन मिल रही। सभी जिलों में सरकार मेडिकल कालेज खोलेगी। सभी बन जाएंगे तो बड़ी संख्या में नौकरी उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना की चर्चा करते हुए मुख्र्यमंत्री ने कहा कि इससे लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। उन्हाेंने अस्पताल में मुफ्त मिलने वाली दवा की बात करते हुए कहा कि दवा मरीजों को पूरे तौर पर मिलनी चाहिए।
जितना सरकार की तरफ से उपलब्ध कराया गया है वह सभी मिले। यह बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को छह बेड से 30 बेड वाले अस्पताल के रूप में उत्क्रमित किया जा रहा।



