अरे यह क्‍या…! दीपावली में पटाखे खरीदना हो तो स्कूल आइए….

दीपावली पर पटाखे : पटाखा बेचने वालों को अस्थायी लाइसेंस शनिवार को सदर एसडीओ क्षरा दिया गया। सौ के करीब दुकानदारों को अस्थायी तौर पर पटाखा बेचने की अनुमति दी गई। पटाखा बरारी में इमली गाछ मैदान, शहर में जिला स्कूल मैदान, अलीगंज में मध्य विद्यालय महेशपुर और नाथनगर में चर्च गेट मैदान में बेचने की अनुमति मिली है। पटाखा का लाइसेंस लेने के लिए शनिवार को भारी संख्या में दुकानदार सदर एसडीओ कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान जिला स्कूल और सीएमएस स्कूल मैदान में पटाखा बेचने की अनुमति दिए जाने की बात पर दुकानदारों ने हंगामा किया। दुकानदारों का कहना था कि दूरदराज से लोग पटाखा खरीदने जिला स्कूल नहीं आएंगे।इस बार दीपावली पर मुश्किल है पटाखे मिलनाजिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार पटाखा रखने का स्थान (धारण स्थल) एवं विक्रय स्थल एक दूसरे से तीन मीटर की दूरी तथा सरक्षित कार्य से 50 मीटर की दूरी पर हो। विक्रय स्थल एवं संरक्षित स्थल आमने-सामने न हो। तेल से जलता हुआ लैम्प, गैस लैम्प अथवा खुली रोशनी पटाखा स्थल से सुरक्षा के दृष्टिकोण से शेड से दूर हो। पटाखा स्थल में यदि बिजली की रोशनी का प्रयोग होता है तो भवन के दीवाल या छत में फिक्स किया हो। झुलता हुआ बिजली का तार कदापि प्रयोग में नहीं लाना है। प्रत्येक दुकान के लिए स्वीच अलग-अलग दीवाल पर फिक्स रहेगा और उसका मास्टर स्वीच कतारबद्ध रहेगा। पटाखा का प्रदर्शनी स्थल शेड से 50 मीटर के अन्दर नहीं रहेगा। एक कलस्टर में 50 दुकानों से अधिक की अनुमति नहीं दी जाएगी। अधिक शोर, वायु प्रदुषण एवं अविशष्ट जनन करने वाली लड़ी-सीरिज वाले पटाखों के निर्माण व उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।

अस्थायी पटाखा बेचने का लाइसेंस लेने के लिए पांच सौ रुपये का चालान जमा करना होगा। पटाखा की बिक्री केवल लाइसेंसधारी दुकानदारों द्वारा ही की जा सकती है एवं ऐसे लाइसेंसधारी दुकानदार यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके द्वारा मात्र वैसे पटाखों की बिक्री की जाएगी, जो सर्वोच्य न्यायालय के आदेश के अन्तर्गत मान्य हैं। 125 डीबी से कम आवाज एवं कम धुआं उत्सर्जित करने वाले पटाखों (हरित पटाखों) के निर्माण व बिक्री की अनुमति दी गई है।

 

 

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