मुज़फ़्फ़रपुर : लोक आस्था का महान पर्व शुक्रवार को नहाय-खाय से शुरू हो रहा है। शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में छठ पर्व की धूम रहती है। इस बार लगभग दो सौ से अधिक बंदी छठ व्रत करेंगे। 169 बंदियों की ओर से जेल प्रशासन को पहले ही आवेदन दिया गया है। इसमें 78 पुरुष व 91 महिला बंदी छठ व्रती हैं। इसके अलावा भी कई बंदियों ने छठ व्रत के लिए आवेदन दिया है। नहाय-खाए से पहले तक व्रतियों की संख्या दो सौ से अधिक पहुंचने की संभावना है। छठ पर्व को लेकर अभी से जेल में उत्साह का वातावरण है।
जेल परिसर के पोखर में बनाया जाता छठ घाट
बंदी व्रतियों के लिए जेल परिसर स्थित पोखर पर छठ घाट बनाया जाता है। कड़ी सुरक्षा के बीच यहां छठ पूजा का आयोजन धूमधाम से होता है। इसमें व्रती के अलावा जेल में बंद सभी बंदी भाग लेते हैं। छठ व्रतियों को जेल प्रशासन की ओर से कपड़ा व पूजन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इसमें पुरूष व्रतियों को धोती, गमछा व गंजी और महिला व्रतियों को साड़ी व अन्य कपड़े नहाय-खाय के दिन दी जाती है। जेल की पाकशाला में व्रतियों के लिए खरना व छठ पूजा का महाप्रसाद तैयार किया जाता है। इस दौरान व्रत की पवित्रता का भरपूर ख्याल रखा जाता है। खरना और अर्घ्य के लिए फल आदि बंदियों को दिए जाते हैं।
पिछले साल नाइजीरियन नागरिक सहित 181 बंदियों ने रखा था छठ
पिछले साल शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में 181 बंदियों ने छठ व्रत किया। इसमें 102 महिला व 79 पुरूष बंदी व्रती थे। पिछले साल जेल में छठ पूजा का आकर्षण नाइजीरियन नागरिक युग्वूम सिनाची ओनिया था। पासपोर्ट-वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोप में वह वर्ष-2019 से जेल में बंद था। जेल से अपनी रिहाई की मनौती को लेकर उसने छठ व्रत किया था। इसके अलावा छठ व्रत करने वाली में एक मुस्लिम महिला भी शामिल थी। जेल अधीक्षक ब्रिजेश सिंह मेहता ने बताया कि आवेदन के आधार पर व्रतियों की सूची तैयार की जा रही है। छठ पूजा को लेकर पोखर की सफाई कराई जा रही है। जेल मैनुअल के अनुसार यह पर्व सरकारी स्तर पर मनाया जाता है। इसमें व्रत की पवित्रता व व्रतियों की सुविधा का हरसंभव प्रयास किया जाता है।





