मुजफ्फरपुर में हर घंटे बढ़ रहा है लौकी का भाव! सामने आई बड़ी वजह

मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर में लौकी यानी कद्दू का रेट हर घंटे-घंटे में बढ़ रहा है. किसानों ने 4 दिनों से अपने लौकी को खेत से काटा ही नहीं. इसका कारण नहाय खाय के दिन दोगुनी से तिगुनी कीमत पर बेचना था. मुजफ्फरपुर में चर्चित पेठिया ऑनलाइन सब्जी स्टोर के संचालक आशीष शर्मा बताते है कि छठ पर्व पर लौकी की कीमत नहाय- खाय को लेकर आसमान चढ़ रही है. आज सुबह ₹70 से ₹80 बिकने वाला कद्दू आज शाम तक ₹200 प्रति पीस के हिसाब से बिकेगा. यहां घंटे में 10 से 20 रुपया कीमत बढ़ रही है.

घरों में महिलाओं ने लौकी व सब्जी भात खाया, 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी महिलाएं | Women eat gourd and vegetable rice in homes, women will keep a dry fast for10 हजार से अधिक सब्जी दुकानदार

ऑनलाइन सब्जी स्टोर के मालिक आशीष शर्मा आगे कहा कि मुजफ्फरपुर में तकरीबन 10 हजार सब्जी के दुकानदार है. नहाय-खाय के अवसर पर एक दुकानदार औसत 20 कद्दू बेचते हैं. प्रति दुकानदार कद्दू का करोबार ₹1300 से ₹1500 तक हो जाता है. इस अनुसार मुजफ्फरपुर शहर में नहाए-खाय के मौके पर तकरीबन 1 करोड़ रुपए के कद्दू का करोबार अनुमानित है.

लौकी के काटने पर लगा दी रोक 

मुजफ्फरपुर के ही सुंदरपुर रतवारा के किसान महेंद्र साहू तीन कट्ठा जमीन में कद्दू की खेती की है, महेंद्र बताते हैं कि वो 1 सप्ताह में तकरीबन 80 से 100 पीस कद्दू वह अपने खेती से काट लेते हैं. अभी 4 दिन पहले से ही उन्होंने कद्दू को पेड़ में लगा हुआ छोड़ दिया और काटने पर रोक लगा दी. ताकि नहाए खाए के दौरान कद्दू की सही कीमत मिल सके. महेंद्र बताते हैं कि 4 दिन पहले तक उन्होंने ₹25 से ₹30 प्रति पीस के भाव से कद्दू को व्यापारियों को बेचा है, लेकिन अब नहाए खाए को लेकर वह ₹50 से ₹60 प्रति पीस के हिसाब से कद्दू बेचेंगे. बागान में जितने तैयार कद्दू है, वह सभी ₹50 से ₹60 प्रति पीस के भाव से आजकल के भीतर बिक जायेंगे. थोक व्यापारी मुझ जैसे किसान से कद्दू खरीद कर ₹80 से ₹120 प्रति कद्दू के भाव से खुदरा में बेचते हैं.

क्या कहते हैं मुजफ्फरपुर के दुकानदार

मुजफ्फरपुर के चर्चित सब्जी मंडी नई बाजार के दुकानदार बताते हैं कि बाजार में नहाए खाए को लेकर कद्दू की कीमत बढ़ गई है. इस बार लोकल कद्दू ₹80 से ₹120 तक प्रति पीस के हिसाब से बिकेगी. नहाए खाए के बाद फिर यह कीमत सामान्य हो जाएगी. बाहर से आए हुए कद्दू का डिमांड बाजार में कम रहता है, ज्यादातर लोग लोकल कद्दू खरीदना पसंद करते है. इस कारण बाहरी कद्दू के तुलना में लोकल कद्दू की कीमत भी बढ़ जाती है. बाहर से आए हुए कद्दू ₹50 से ₹60 के भाव से उपलब्ध होंगे.

महापर्व में कद्दू का विशेष महत्व

छठ महापर्व में कद्दू का विशेष महत्व है, नहाय – खाय के दिन व्रती कद्दू भात का प्रसाद खाकर व्रत में चली जाती हैं. कहा जाता है कि कद्दू सबसे सुपाच्य सब्जी है. इसे डाइजेस्ट होने में समय नहीं लगता. कद्दू खाने से पेट ठंडा रहता है और अधिक प्यास नहीं लगता. कद्दू भात के दिन को लेकर कई लोक मान्यताएं भी है. छठ व्रत का यह प्रथम दिन नहाए खाए कई मायनों में महत्वपूर्ण है.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading