मुजफ्फरपुर। अति पिछड़ा आयोग के आदेश पर शहर के सात वार्डों में अति पिछड़ा वर्ग की आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन का अध्ययन किया जाएगा।

इसके लिए अति पिछड़ा बहुल इलाके के रूप में ब्रह्मपुरा के वार्ड तीन, दाउदरपुर कोठी के वार्ड 12, पंकज मार्केट से लेकर कृष्णा टॉकीज के सामने गली तक वार्ड 19, मझौलिया से सराय सैयद अली तक वार्ड 27, सादपुरा के वार्ड 33, तीनकोठिया व
तीन पोखरिया के वार्ड 42 और रामबाग चौरी मोहल्ला के वार्ड 46 को चयनित किया गया है। इन वार्डों में अध्ययन के आधार पर नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की रूपरेखा तय हो पाएगी।
चयनित प्रत्येक वार्ड में अध्ययन के लिए प्रशासनिक स्तर पर एक टैक्स दारोगा और तीन शिक्षकों की टीम बनाई गई है। टीम के सभी सदस्यों को गुरुवार को जांच के लिए प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें प्रपत्र भी मुहैया करा दिया गया है।
पटना से नामित एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के शोधार्थियों के साथ प्रशासनिक टीम चयनित सात वार्डों के सभी पिछड़ा व अति पिछड़ा परिवारों के पास पहुंचकर उनकी स्थिति का अध्ययन करेगी। इसमें अति पिछड़ा वर्ग के परिवारों की शैक्षणिक-आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति क्या है, इससे जुड़े सवाल किए जाएंगे।
प्रपत्र में अति पिछड़ा परिवार के सदस्यों से पूछे गए सवालों के जवाब भरने हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नगर निकाय चुनाव में आयोग गठन कर त्रिस्तरीय जांच के बाद ही आरक्षण देने की बात कही गई है। इसको लेकर सरकार ने आयोग का गठन किया है। आयोग की ओर से जांच के लिए राज्य स्तर पर उक्त इंस्टीट्यूट को नामित किया है।
अति पिछड़ों के पिछड़ेपन के अध्ययन के लिए शहर में इन सात वार्डों का चयन प्रशासनिक स्तर पर की गई जांच और जनगणना रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। सातों वार्ड में अति पिछड़ों की जनसंख्या शहर के अन्य वार्डों की तुलना में अधिक बताई गई है। इन वार्डों में होने वाले अध्ययन पर शहर के राजनीतिज्ञों की भी नजर है।

