पूर्णिया में देव दिवाली: 7 नवंबर को 21000 दीपों से बनेगी श्रीराम की आकृति….

पूर्णिया. 7 नवंबर को एकबार फिर पूर्णिया दीपों से रोशन होगा. मौका देव दिवाली के आयोजन का है. इसके लिए सौरा नदी के तट को तैयार किया गया है. यह आयोजन श्रीराम सेवा संघ के द्वारा किया जाता है. संघ के संयोजक राणा प्रताप सिंह ने बताया कि 7 को पूर्णिया के काली मंदिर प्रांगण में श्रीराम सेवा संघ के द्वारा 21000 दीपों से देव दिवाली मनाई जाएगी. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है. संयोजक राणा प्रताप सिंह ने बताया कि महाआरती को लेकर बनारस और हरिद्वार से पुरोहितों को बुलाया गया है. इस बार की देव दिवाली अपने आप में एक अनोखी होगी. उन्होंने बताया कि बनारस और हरिद्वार से आए पुरोहितों के द्वारा 21000 दीपों से महाआरती का आयोजन किया जाएगा.

पूर्णिया सिटी काली मंदिर स्थित सौरा नदी पर पिछले साल मनाई गई देव दीपावली.दीपों से श्रीराम की आकृति

संयोजक राणा प्रताप सिंह ने बताया कि 7 नवंबर के लिए विशेष तैयारी की गई है. इस दिन बिहार की सबसे बड़ी रंगोली बनाने का रिकॉर्ड बनेगा. दीपों के माध्यम से प्रभु श्रीराम की आकृति व बड़ी सी स्वास्तिक सहित ओम की आकृतियां बनाई जाएंगी. वहीं दर्शकों के लिए मनमोहक तस्वीरों के साथ कुछ आकर्षक चीजें भी बनाई जाएंगी।

भगवा पताका से सजेगा पूर्णिया

कोरोनाकाल के बाद शहर में इस तरह का पहला बड़ा आयोजन होगा. इसमें पूरे पूर्णिया शहर को सजाया जाएगा. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि उस दिन भगवा पताकों से पूर्णिया शहर के अलग-अलग जगहों को सजाया जाएगा. भगवा पताकों से सजे घाट के साथ 21 विशेष रूप से सजी हुई आरती चौकी सौरा नदी तट के आकर्षण को बढ़ाएगी. फूल और रंगीन बल्बों से मां काली मंदिर के प्रांगण और आरती स्थल मार्ग को सजाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

महाआरती की मिली जिम्मेदारी

7 नवंबर के आयोजन को लेकर सभी लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है. इसमें राजकुमार पांडे की टोली को आरती महाआयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं 21000 मिट्टी दीप को प्रज्वलित करने के लिए बहनों की एक विशेष टोली बनाई गई है.

कुर्ता, पायजामा और साफा

श्रीराम सेवा संघ के संचालक सतीश सनातनी ने बताया कि इस बार संघ सदस्यों का पहनावा उजला कुर्ता और उजला पायजामा एवं मस्तक पर साफा रखा गया है. साथ ही यहां आनेवाले लोगों के लिए पार्किंग की अलग व्यवस्था की गई है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भी किसी भी तरह की कोई चूक न हो इसके लिए श्रीराम सेवा संघ के सदस्यों द्वारा लगातार प्रयास जारी है. पूर्णिया की यादों में 7 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली अपने आप में एक याद छोड़ जाएगी.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading