पटना. बिहार में विपक्ष ने नीतीश सरकार द्वारा बांटे जा रहे नियुक्ति पत्रों और रोजगार देने के दावों पर सवाल खड़े किये हैं. दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना के ज्ञान भवन में विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग और पंचायती राज विभाग के अंतर्गत एक साथ कई कर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के द्वारा नियुक्ति पत्र बांटे जाने पर पूर्व पंचायती राज मंत्री और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि नीतीश और तेजस्वी की गठजोड़ ने जिस तरीके से नियुक्ति घोटाले को अंजाम दिया है वो बिहार के लिए अभिशाप है.
चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार जब NDA के साथ थे तब हमने 3127 पंचायत सचिवों की मई में नियुक्ति की और जून में सभी सेलेक्टेड लोगों की पोस्टिंग हो गई थी लेकिन तेजस्वी यादव ने अपना चेहरा चमकाने के लिए जबरन फिर से इन्हें नियुक्ति पत्र थमा दिया. सम्राट चौधरी ने कहा कि यही नहीं 3 अगस्त 2022 को जब भाजपा सरकार में थी तब 162 BPRO की बहाली हुई लेकिन फिर उन्हें भी सुपर सीएम तेजस्वी ने जबरन नियुक्ति पत्र देते हुए फोटो खिंचवाई. सम्राट चौधरी ने महागठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस ठगबंधन सरकार में नियुक्ति घोटाला किया जा रहा है. NDA की सरकार ने बिहार की जनता को 1 लाख नियुक्ति की सौगात दी, 2 लाख शिक्षकों की बहाली की रूप रेखा को हमलोगों ने शुरू कर दी थी लेकिन जब से चोर दरवाजे से सजायाफ्ता लालू यादव के बेटे सरकार में आए तभी से घोटालों की शुरूआत हो गई.
सम्राट चौधरी ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को लेकर कहा कि आज उनकी जन्मदिन है, मैं बधाई देता हूं लेकिन उनसे आग्रह है कि कम से कम जन्मदिन के दिन तो झूठ और फर्जीवाड़े नहीं करें. इन दिनों नीतीश कुमार की बॉडी लैंग्वेज देखकर मैं तरस खाता हूं. जब वो भतीजे को लपककर जोर से पकड़कर गले मिलते हैं, आखिर क्या माजरा है नीतीश जी बताएं. क्या उनका भतीजा भाग रहा है उन्हें छोड़ कर ? सम्राट चौधरी ने कहा कि ऐसा प्यार भाई-भाई का होता है, चाचा-भतीजे का नहीं. इसका मतलब है कि दाल में कुछ काला है.




