पटना. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की नाराजगी लगातार बानी हुई है. स्थिति ऐसी आ गई है कि डेढ़ महीने होने के बावजूद जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय नही पहुंचे. करीब डेढ़ महीने से जगदानंद सिंह अपने गांव में ही रह रहे थे. पिछले दिनों डेढ़ महीने के बाद जगदानंद सिंह पटना लौटे तो जरूर पर राजद कार्यालय नहीं आये. पटना पहुंचकर जगदानंद सिंह अस्पताल गए और अपना चेकअप कराया फिर अपने आवास लौट गए. जगदानंद सिंह के पार्टी कार्यालय नहीं पहुचने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच चर्चा का बाजार गर्म है.
राजद कार्यालय में इंतजार करते रहे नेता
जगदानंद सिंह के पटना पहुंचने की खबर पहुंचते ही राजद कार्यालय में लोगों का पहुंचना शुरू हो गया. जगदानंद सिंह के पटना पहुंचने की खबर मिलने के बाद राजद नेता वृषण पटेल और विजय नारायण चौधरी कार्यालय पहुंच गए. शाम तक सभी जगदानंद सिंह का इंतजार करते रहे पर जगदानंद सिंह राजद कार्यालय नहीं पहुंचे, जिससे जगदानंद सिंह को राजद ऑफिस पहुंचने को लेकर चर्चा शुरू हो गई कि वो ऑफिस आएंगे या नहीं.
तेजस्वी ने मंगाए संगठन के कागजात
राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पिछले डेढ़ महीने से राजद कार्यालय नहीं पहुंचने के बाद सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक तेजस्वी ने कार्यालय और संगठन से जुड़े सभी कागजातों को डिप्टी सीएम के कार्यालय 10 सर्कुलर रोड मंगवाया है. संगठन, प्रखण्ड अध्यक्ष और जिला से संबंधित सभी कागजातों को मंगवाकर जल्द फैसला लेने पर काम शुरू किया जाएगा. गौरतलब है कि राजद का प्रदेश अध्यक्ष के चुने जाने को करीब दो माहिना होने को है पर अब तक किसी जिलाध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया है.
जिलाध्यक्षों के चुनाव में देर
राजद के बिहार में 50 सांगठनिक जिला हैं, जिसमें किसी का भी चुनाव नहीं हुआ है. राजद के नए प्रदेश कमिटी के गठन नहीं होने से जिलों में राजद की सक्रियता सुस्त हो गई है. नए अध्यक्षों के चुनाव को लेकर सभी को इंतजार है, ऐसे में तेजस्वी ने सभी संगठन के कागजात को मंगवाकर इस पर काम शुरू करने की तैयारी की है.
जगदानंद सिंह की क्या है नाराजगी
जगदानंद सिंह के दोबारा राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनते ही मुश्किलें उस वक्त शुरू हो गई जब कृषि मंत्री और जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह ने सरकार के काम और अधिकारियों पर अपने बयानों से गठबंधन को असहज कर दिया था. कुछ ही दिन के बाद सुधाकर सिंह को पद से इस्तीफा देना पड़ा. इस्तीफे के बाद जगदानंद सिंह ने कहा था कि बलिदान का समय आ गया है. जगदानंद सिंह ने 2023 में ही नीतीश को कुर्सी छोड़कर तेजस्वी को सौंप देने के बयान ने भी हंगामा खड़ा कर दिया था, जिसके बाद लालू प्रसाद यादव ने निर्देश जारी करते हुए कहा था कि गठबंधन से जुड़े मामले में कोई भी फैसला या बयान सिर्फ तेजस्वी ही देंगे. इसके बाद जगदानंद सिंह गांव चले गए और अब तक कार्यालय नहीं आये.



