प्रशांत किशोर बोले- विकल्प के अभाव में BJP या फिर लालू को वोट दे रहे बिहार के लोग

बेतिया: प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में जनता की मजबूरी का दलों के द्वारा फायदा उठाया जा रहा है. पूरे बिहार में एक बड़ी संख्या भाजपा को सिर्फ इसलिए वोट कर रही है क्योंकि वह लालू के जंगलराज को वापस देखना नहीं चाहती तो दूसरी तरफ एक बड़ी संख्या ऐसी भी है जो लालू को इसलिए वोट कर रही है क्योंकि वह भाजपा को वोट नहीं कर सकती. पीके ने कहा कि आप उदाहरण के तौर पर देख लीजिए चंपारण में पिछले 30 सालों से भाजपा जीत रही है, और फिर भी यहां इतनी समस्याओं पर हम बैठकर चर्चा कर रहे हैं.Won't contest elections myself: Prashant Kishorबिहार में ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था एकदम ध्वस्त है. पदयात्रा के दौरान शायद ही कोई स्कूल मुझे ऐसा देखने को मिला जहां एक विद्यालय की 3 मूलभूत चीजें शिक्षक, छात्र और बिल्डिंग तीनों एक साथ मौजूद हो. जहां बिल्डिंग और छात्र हैं वहां शिक्षक नहीं है. हैरानी तब होती है जब पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 17 साल के शासनकाल में भी शिक्षा की हालत ध्वस्त हैं. एक लाइन में कहें तो, बिहार के स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है और कॉलेजों में डिग्रियां बंट रही हैं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं कोई समाज सुधारक नहीं हूं, मेरी भूमिका केवल एक सूत्रधार की है. हम मिलकर केवल समाज के स्तर पर एक प्रयास कर रहे हैं. जिससे एक ‘स्वच्छ राजनीतिक व्यवस्था’ बनाई जा सके, जिसमें मेरी भूमिका केवल एक सूत्रधार की है. इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति पदयात्रा करके गांधी नहीं बन सकता. जैसे 4 चुनाव जीतकर आप चाणक्य नहीं बन सकते. शताब्दियों में कोई एक गांधी या चाणक्य बनता है हम लोग केवल उनकी विचारधारा का अनुसरण कर सकते हैं. उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का प्रयास कर सकते हैं.

प्रशांत किशोर ने विकसित बिहार को लेकर अपनी प्राथमिकता साझा करते हुए बताया कि उनका प्रयास है कि देश के 10 अग्रणी राज्यों में बिहार में शामिल होना चाहिए. पश्चिम चंपारण में प्रशांत किशोर पदयात्रा के माध्यम से अबतक 500 किमी से अधिक चलकर 300 से अधिक गांवों में गए हैं. प्रशांत किशोर ने बताया कि इन 42 दिनों में एक दिन भी गाड़ी पर नहीं बैठे हैं. जितनी ईमानदारी और शुद्धता से पदयात्रा कर सकते हैं, उससे अधिक करने का प्रयास कर रहे हैं. इससे जो भी परिणाम निकल कर आएगा, और समाज इस पर कितना चलने के लिए तैयार है यह सब आपके सामने होगा.

पहले अधिवेशन के बारे में जानकारी देते हुए पीके ने कहा कि अगर लोग मिलकर तय करते हैं कि दल बनाया जाना चाहिए, तो दल बनाया जाएगा.प्रशांत किशोर ने विकसित बिहार को लेकर अपनी प्राथमिकता साझा करते हुए बताया कि उनका प्रयास है कि देश के 10 अग्रणी राज्यों में बिहार में शामिल होना चाहिए. पश्चिम चंपारण में प्रशांत किशोर पदयात्रा के माध्यम से अबतक 500 किमी से अधिक चलकर 300 से अधिक गांवों में गए हैं.

प्रशांत किशोर ने बताया कि इन 42 दिनों में एक दिन भी गाड़ी पर नहीं बैठे हैं. जितनी ईमानदारी और शुद्धता से पदयात्रा कर सकते हैं, उससे अधिक करने का प्रयास कर रहे हैं. इससे जो भी परिणाम निकल कर आएगा, और समाज इस पर कितना चलने के लिए तैयार है यह सब आपके सामने होगा. पहले अधिवेशन के बारे में जानकारी देते हुए पीके ने कहा कि अगर लोग मिलकर तय करते हैं कि दल बनाया जाना चाहिए, तो दल बनाया जाएगा.

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