मुंगेर:सदर अस्पताल में प्रसव कराने पहुंची महिला की मौत नवजात के जन्म के बाद हो गई। नवजात स्वस्थ्य है। परिवार वालों ने गलत इंजेक्शन दिए जाने का आरोप लगाकर हंगामा किया। हंगामा की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन डा. पीएम सहाय, उपाधीक्षक और डीपीएम पहुंचे और समझा बुझाकर स्वजनों काे शांत कराया। अस्पताल उपाधीक्षक डा. रमण ने मामले की जांच का आदेश दिया है। महिला चिकित्सक डा. नेहा ने बताया कि प्रसव के बाद महिला को श्वांस लेने में परेशानी हो रही थी। नर्स को इंजेक्शन देने को कहा गया। परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि नर्स ने इंजेक्शन नस की जगह कमर में लगा दिया।
इससे महिला की हालत बिगड़ने लगी। महिला की हालत गंभीर होने के बाद रेफर कर दिया गया। रेफर के बाद अस्पताल के गेट पर पहुंचते महिला ने दम तोड़ दिया। दरअसल, कासिम बाजार थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर निवासी चंदन कुमार ने पत्नी सरिता कुमारी को सुरक्षित प्रसव के लिए सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में शनिवार की दोपहर में भर्ती कराया था। महिला ने देर रात आपरेशन के बाद लड़का को जन्म दिया। रविवार को महिला की तबीयत बिगड़ने लगी, इंजेक्शन देने के बाद रेफर कर दिया गया।
पहला बच्चा था सरिता का
स्वजन ने बताया कि सरिता का यह पहला बच्चा था। प्रसूता का नियमित इलाज नौ माह से सदर अस्पताल में चल रही थी। जांच रिपोर्ट भी सही थी। प्रसव पीड़ा होने के बाद शनिवार की दोपहर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। डा. निर्मला ने आपरेशन कर प्रसव कराया। रात में जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित थे। परिवार वालों ने बताया कि रविवार को दूसरे दिन डा. नेहा की देखरेख में सरिता को डायलोना इजेक्शन दिया गया। फिर एफ फालिन इजेक्शन नस में देने के लिए जीएनएम को कहा गया। जीएनएम कल्पना ने इजेक्शन नस के बदले कमर में दे दी। इसके बाद से ही प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी।
डा. नेहा ने बताया मरीज बिल्कुल सही थी है, रविवार की सुबह एफ फालिन इजेक्शन देने को कहा गया। जीएनएम कल्याणी ने इंजेक्शन भी दिया। मरीज को श्वांस लेने में समस्या थी। अस्पताल उपाधीक्षक डा. रमन ने बताया डा. निर्मला ने आपरेशन कर प्रसव कराया था। रात में जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य थे। लंग में खून जम जाने से महिला को अचानक श्वांस लेने में समस्या हो रही थी। स्थिति गंभीर होने पर रेफर कर दिया गया।


