मुजफ्फरपुर : नियोजित शिक्षकों का अब एक ही जिला कैडर होगा। पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद व नगर निगम की अलग-अलग नियोजन इकाइयों की बाध्यता इससे खत्म हो जाएगी।

शिक्षा विभाग ने इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अंतिम मुहर के बाद इसे सभी जिलों को भेज दिया जाएगा। जिला कैडर होने से नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण समेत अन्य सुविधाओं का लाभ पूर्व के नियमित शिक्षकों की तरह मिलेगा।
जिला कैडर प्राइमरी, मिडिल के साथ ही हाईस्कूल और प्लस 2 स्कूलों के लिए भी होगा। इस प्रस्ताव में सभी तरह के नियोजित शिक्षकों की बहाली से लेकर उनके स्थानांतरण समेत अन्य सुविधाओं के लिए अलग-अलग आवेदन अपने-अपने नियोजन इकाई में देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रखंड से लेकर पंचायत समेत सभी तरह के नियोजन इकाई की भूमिका इसमें नहीं होगी। सेवा शर्त को लेकर यह विशेष तैयारी की गई है। इसके साथ ही बहाली में भी केन्द्रीयकृत प्रक्रिया के साथ ही जिला स्तर पर ही अधिकारी नियोक्ता होंगे।
इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के साथ ही न केवल नए बहाल नियोजित शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा बल्कि पूर्व के नियोजित शिक्षक भी इसके दायरे में आएंगे। राज्यस्तर के अधिकारियों के अनुसार, इससे शिक्षकों के स्थानांतरण में जिला स्तर से अधिकारी निर्णय ले सकेंगे।
आगे होने वाली बहाली प्रक्रिया आयोग के माध्यम से कराई जाएगी। कर्मचारी चयन आयोग या बिहार लोक सेवा आयोग में से किसी माध्यम से शिक्षकों की बहाली कराने का विचार किया जा रहा है।
उप माध्यमिक शिक्षा निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी ने बताया कि शिक्षकों के हित में इस पर विचार किया जा रहा है। जिला कैडर होने से शिक्षकों का स्थानांतरण कहीं भी हो सकता है। इसमें प्रखंड या पंचायत की बाध्यता नहीं होगी।



