‘नीतीश धोखा देलन, उनका जवाब देल जाई’… बिहार से जेपी नड्डा ने भोजपुरी में बोला तीखा ह’मला

मुजफ्फरपुर: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक दिवसीय दौरे पर पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट से वो सीधे मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हो गए। मुजफ्फरपुर के पारू में जेपी नड्डा ने बीजेपी की ओर से आयोजित सभा को संबोधित किया।इस दौरान जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  पर तीखा हमला बोला। ये पहला मौका था जब सीएम नीतीश कुमार के NDA से नाता तोड़कर महागठबंधन सरकार बनाने के बाद नड्डा बिहार आए हैं। नड्डा ने इस दौरान नीतीश कुमार पर जनादेश के अपमान से लेकर कई आरोप लगाए। जेपी नड्डा ने इस दौरान नीतीश कुमार पर दरभंगा एम्स से लेकर मखाना उद्योग तक में वादाखिलाफी का आरोप लगाया।

who will be next president of bjp party will decide in meeting jp nadda  dharmendra pradhan bhupender yadav | जेपी नड्डा नहीं तो कौन? बीजेपी किसे  सौंपेगी पार्टी की कमान, अध्यक्ष बननेभोजपुर में नड्डा का नीतीश पर हमला

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले के दौरान जेपी नड्डा ने भोजपुरी भाषा में लोगों से सवाल पूछा। इस दौरान नड्डा ने कहा कि ‘नीतीश धोखा देलन, उनका प्रजातांत्रिक तरीके से जवाब देल जाई।’ नड्डा ने इस दौरान दरभंगा एम्स से लेकर मखाना उद्योग तक पर नीतीश को खूब सुनाया। नड्डा ने कहा कि ‘नीतीश ने बिहार को धोखा दिया। मैंने नीतीश जी से कई बार कहा कि दरभंगा में कई बार एम्स के लिए जमीन मांगी। बिहार सरकार ने 85 एकड़ जमीन दी जबकि 200 एकड़ की जरूरत थी। शाहनवाज हुसैन ने मखाना इंडस्ट्री को आगे बढ़ाया और छोड़ा तो वहीं का वहीं रह गया। नीतीश ने बिहार की जनता के जनादेश का अपमान किया।’

समझिए नड्डा के दौरे का मतलब
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की वैशाली यात्रा भी अमित शाह की यात्रा की ही एक कड़ी है। इस कड़ी में बूथ को समृद्ध और शक्तिशाली बनाना है। पहले चरण में लोकसभा के 10 सीटों पर बढ़त लेने और पार्टी को मजबूत करने के लिए लिया गया है। इनमे वैशाली,बगहा,पूर्णिया,किशनगंज,कटिहार,अररिया,नवादा,गया और काराकाट है। इसके बाद फिर अन्य लोकसभा के लिए रणनीति बनेगी। भाजपा के प्रेम रंजन पटेल कहते हैं कि नीतीश कुमार की यात्रा महागंठबंधन के दबाव से मुक्ति की यात्रा है। दरअसल मार्च में उन्हें सत्ता की कुर्सी पर तेजस्वी यादव को बिठाना था। इसको ले कर लगातार दबाव आ रहा था। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने तो इशारे में दो बार कहा। परंतु वे तो 2025 के पहले कुर्सी छोड़ने वाले हैं नहीं। सो यात्रा पर निकल पड़े।

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