महिला वकील ने IAS अधिकारी और RJD के पूर्व MLA पर लगाया गैं’गरेप का आ’रोप, केस दर्ज करने का आदेश

पटना. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व आरजेडी विधायक गुलाब यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पटना के दानापुर कोर्ट ने का आरोप लगाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की महिला वकील की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दानापुर व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम 1 ने आदेश दिया है कि इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता ने आईएएस संजीव हंस और पूर्व आरजेडी एमएलए गुलाब यादव पर गैंगरेप का आरोप लगाया है.

बता दें, महिला वकील ने महिला थाना में केस दर्ज नहीं होने के बाद नवंबर 2021 में दानापुर कोर्ट में आईएएस पदाधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ गैंगरेप का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी. महिला वकील का आरोप है कि 2016 से 2019 के बीच इन दोनों ने इसके साथ घिनौनी हरकत कीथी. गुलाब यादव उस वक्त झंझारपुर विधानसभा से राजद के विधायक थे.अभी विधायक नहीं है संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत है.

पीड़िता ने याचिका में कहा है कि फरवरी 2016 को पटना के गर्दनीबाग में रहने वाले एक सीनियर वकील के पास पहुंची थी वहीं पर गुलाब यादव जो पूर्व विधायक है उनसे उनका परिचय हुआ था उस समय गुलाब यादव झंझारपुर से विधायक थे. गुलाब यादव ने महिला वकील को राज्य महिला आयोग में सदस्य बनाने का झांसा दिया था. गुलाब यादव के आवास पर बायोडाटा लेकर महिला पहुंची थी और आवास पर रेप करने की कोशिश की थी विरोध करने पर पिस्टल के बल पर रेप किया.

पीड़िता के अनुसार उसने विधायक पर केस करने की तैयारी कर ली थी इसके बाद विधायक ने उनकी मांग में सिंदूर भर कर कहा कि वे दोनों पति पत्नी हैं। याचिका के अनुसार विधायक गुलाब ने फिर उन्हें बुलाया कहा कि उनका पहली पत्नी से तलाक हो गया है और इसके पेपर उसके पास है ।।2017 में पुणे के एक होटल में  वहां पर विधायक ने उनका परिचयआईएएस संजीव हंसः से कराया.दोनों ने लंच के दौरान नशीला पदार्थ खिलाने के बाद उसका गैंगरेप किया. इसका अश्लील वीडियो भी दोनों द्वारा बनाया गया. मोबाइल पर वीडियो भेज कर ब्लैकमेल किया जाने लगा.
महिला गर्भवती हुई तो जानकारी गुलाब यादव को दी गई. गुलाब यादव को जब घटना की जानकारी मिली तो फिर पूरे मामले में पूर्व विधायक द्वारा लीपापोती की जाने लगी. महिला ने आरोप लगाया कि विधायक और आइएएस दोनों गर्भपात कराने और जान से मारने की धमकी लगातार देते रहे. 25 अक्टूबर 2018 को बेटे को जन्म  दिया लेकिन जब पूर्व विधायक गुलाब यादव को जानकारी दी तो उसने कहा कि उसका बेटा नहीं है मेरे बेटे का डीएनए टेस्ट कराया जाए तो यह पता चल जाएगा कि वह किसकी संतान है.

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