मुजफ्फरपुर : आ’य से अधिक क’माई के आ’रोप में घिरे मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार के सिकंदरपुर स्थित सरकारी आवास में तीन दिन तक एसवीयू की टीम ने छापेमारी की थी।
एसवीयू (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) के तत्कालीन एसपी कुमार अमर सिंह के नेतृत्व में टीम ने 16 अप्रैल 2018 को सुबह 9.30 बजे एसएसपी कोठी पर धावा बोला था।
बीएमपी जवानों के दस्ता ने आवास की कमान अपने हाथ में ले लिया था। चार दिन तक एसवीयू की टीम ने आवास का कोना-कोना खंगाला था। 20 अप्रैल को टीम बाहर निकली थी।
इस दौरान तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार एसवीयू की अभिरक्षा में अपने कोठी में रहे। एसएसपी कोठी पर छापेमारी की सूचना फैली तो महकमे में एसएसपी से नाराज पुलिस कर्मी कोठी के गेट पर पहुंचकर मीडिया के समक्ष खुलकर बयानबाजी करने लगे थे।
चार दिन तक चली छापेमारी के बाद जब एसएसपी आवास से एसवीयू टीम निकली तो सबसे पहले नगर थाने पहुंची। एसवीयू के एसपी ने नगर थाने की पुलिस को एक अवैध कार्बाइन सौंपा था, जो एसएसपी के गोपनीय कार्यालय में आलमारी में तौलिया से लपेटा हुआ मिला था।
विवेक कुमार ने आलमारी से मिले अवैध कार्बाइन से अनभिज्ञता जता दी थी, इसकी जब्ती सूची पर भी उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया था। जब एसएसपी ने कार्बाइन के संबंध में अनभिज्ञता जता दी तो गोपनीय कार्यालय प्रभारी (रीडर) पिछले दरवाजे से निकलकर फरार हो गये।
एसवीयू की टीम गोपनीय कार्यालय प्रभारी से पूछताछ नहीं कर पाई थी। इसलिए एसएसपी कोठी में गोपनीय कार्यालय के आलमारी से मिले कार्बाइन की जब्ती में अज्ञात के खिलाफ नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
अब तक यह केस लंबित फाइल के पुलिदे में बंधा हुआ है। उनके आवास से चलन से बाहर हो चुके 500 और 1000 के नोट मिले थे। नोटबंदी के पांच दिन पहले उनकी पत्नी के खाते में 22 लाख रुपये जमा हुए थे।
