ठंड का सितम: मौ’त बनकर मंडरा रही ठंड, जानें वजह….

बेगूसराय. बिहार सहित बेगूसराय में ठंड का सितम जारी है. ऐसे में ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं, लेकिन यह अलाव लोगों की जान भी ले रहा है. इन दिनों बेगूसराय में अलाव का सहारा लेने वाली महिलाओं के झुलसने के रोजाना कई मामले सामने आ रहे हैं. इस वक्‍त बेगूसराय अस्पताल पहुंचने वाली महिलाओं से सदर अस्पताल का बर्न वार्ड भर गया है. वहीं, लगातार बढ़ती ठंड के साथ इस बार अलाव सेंकने के दौरान लोगों के झुलसने का ग्राफ बढ़ने से बड़ी चिंता का विषय बन गया है.

Bihar Weather Update Cold Wave And Winds Increased Kankani Forecast For  Next 24 Hours |Bihar Weather Update: बिहार में बढ़ी कनकनी, शीतलहर और ठंडी  हवाओं ने लोगों को कंपाया | Hindi News, पटनासदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. कृष्ण कुमार के मुताबिक, झुलसे मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ऐसे में इलाज के दौरान मौत भी हो जा रही है. सदर अस्पताल में भर्ती ऐसे मरीजों की संख्या 8 हो गई है.

अलाव की चपेट में आकर हो रही हैं मौत
सदर अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में कार्यरत कर्मियों के अनुसार गंभीर रूप से झुलसने के अलावा भी अलाव की आग से जलने वाले मरीज भी आ रहे हैं. जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद वापस घर भेज दिया जा रहा है. वहीं, रोजाना इलाज के दौरान गंभीर रूप से झुलसे दो से तीन मरीजों की मौत जिले में हो रही है. इसमें महिलाओं की संख्या अधिक होती है. इस संबंध में विशेषज्ञ का कहना है कि अलाव के दौरान अधिक मात्रा में धुंआ होने से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक हो जाती है. जिससे सुस्ती महसूस कर लोग गिर जाते हैं. बर्न वार्ड में भर्ती मरीजों में अधिकतर महिलाएं ठंड से बचने के लिए अलाव सेंकने के दौरान ही झुलसी हैं.

ऐसे कपड़े पहनकर न सेंके आग
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों की अपेक्षा इस साल ज्यादा झुलसने के मामले सामने आ रहे हैं. खासकर महिलाएं इसमें ज्यादा शामिल हैं. वे ढीला-ढाला कपड़ा पहनती हैं, लिहाजा काफी अधिक मात्रा में जलने के बाद पता चलता है. इसके कारण बचना मुश्किल हो जाता है. आग में जलने से बचने के लिए कुछ वैज्ञानिक तरीके हैं. जिसका पालन सभी को करना चाहिए. जिसमें ढीला कपड़ा पहनकर आग के पास नहीं जाना चाहिए और आग से कम से कम एक हाथ की दूरी पर लोगों को रहना चाहिए.

 

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