बिहार सीएम की विपक्षी एकता को धक्का: केसीआर को कबूल नहीं नीतीश, जानिए सवाल पूछा गया तो क्या कहा

पटना: तेलंगाना के खम्मम में वहां के सीएम चन्द्रशेखर राव ने बुधवार को महारैली निकाली। विपक्षी एकता को दिखाने के लिए इस रैली में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी चेहरे शामिल हुए। लेकिन इसी महारैली के लिए KCR ने नीतीश और तेजस्वी को आमंत्रण तक नहीं भेजा। KCR ने हिंदी पट्टी में सबसे अहम राज्य बिहार के ही बड़े विपक्षी दलों को न्योता नहीं दिया। उनके इस कदम से इतना तो साफ है कि वो नीतीश को अपनी मुहिम का हिस्सा नहीं मानने जा रहे।

nitish kcr meetकेसीआर को कबूल नहीं नीतीश

जब उनसे सीएम नीतीश के बारे में सवाल पूछा गया तो केसीआर कन्नी काट गए। यहां भी उन्होंने जाहिर कर दिया कि देश में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता में उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई जरूरत नहीं है। यूपी का विपक्ष उनके साथ है ही, बिहार के विपक्ष लेफ्ट ने भी केसीआर का साथ दे ही दिया है। ऐसे में केसीआर को अब नीतीश की कमी महसूस नहीं होने वाली।

अब क्या करेंगे नीतीश?

बिहार की सियासत में अब ये सवाल सबसे मौजूं है। नीतीश ने ही बड़ी उम्मीदों के साथ विपक्षी एकता का नारियल केसीआर को पटना बुलाकर फोड़ा था। इसके बाद केसीआर ने उन्हें बीच राह में चलता कर दिया। अब वो क्या करेंगे, मशहूर पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉ संजय कुमार के मुताबिक ‘नीतीश बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के समीकरण पर ध्यान दे रहे हैं। उनको ऐसा लगता है कि इन जगहों पर बीजेपी को सीट घटाकर नुकसान दिया जा सकता है। केसीआर ने रैली करके ये मैसेज दे दिया कि दक्षिण भारत से वो पीएम उम्मीदवार हो सकते हैं। ऐसे में नीतीश के उत्तर भारत यानि हिंदी-बांग्ला पट्टी का विकल्प बच गया है।’

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading