दो भाइयों ने लालच में लील ली कई जिंदगियां:सैनिटाइजर बनाने के नाम पर मंगवाते थे एथेनॉल, गि’रफ्तार

सीवान : सीवान में जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत होने के बाद इलाके में दहशत फैला हुआ है। करीब 10 लोगों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है जिन का इलाज पटना गोरखपुर समेत जिले के कई निजी अस्पतालों में चल रहा है। अब तक 6 लोगों ने अपनी आंख की रोशनी गंवा दी है। लेकिन इस सबके पीछे दो मास्टरमाइंड संदीप और दीपक हैं। इन दोनों की धन और शोहरत कमाने की लालच ने इतनी सारी जिंदगीया निगल लि। जिले के दरौंदा थाना क्षेत्र के बेलदारी टोला गांव के रहने वाले स्व. बिजय चौहान के 2 पुत्र 24 वर्षीय संदीप कुमार तथा 26 वर्षीय दीपक कुमार ने ही लकड़ी नबीगंज थाना क्षेत्र के बाला गांव निवासी मंटू बिंद और सुरेंद्र बिंद को जहरीली पेय पदार्थ बनाने के लिए ले जा कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों भाई संदीप और दीपक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके यहां छापेमारी कर 50 लीटर स्प्रिट और एक बोरा फिटकरी बरामद किया है।

सैंपल एकत्रित करती पटना से पहुंची फोरेंसिक टीमधन कमाने की लालच ने बनाया शराब कारोबारी

बता दें कि संदीप और दीपक के पिता गांव में ताड़ी बेचने का काम करते थे। दोनों पुत्र उनका साथ देते थे। करीब 2 साल पूर्व उनकी मृत्यु होने के बाद दोनों पुत्र ने पैसे कमाने की योजना बनाई फिर बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद दोनों ने शराब बिक्री का धंधा अपनाया। इस दौरान शराब बेचने के आरोप में कई बार सलाखों के पीछे जाने पड़ा। जबकि छोटे भाई संदीप आर्म्स एक्ट समेत कई मामलों में जेल जा चुका है।

सैनिटाइजर बनाने के नाम पर मंगवाया था एथेनॉल, फिर बनाया गया जहरीली पेय पदार्थ

एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने प्रेस में यह पुष्टि की है कि सैनिटाइजर बनाने के नाम पर मंगवाए गए एथेनॉल से जहरीली पेय पदार्थ बनाया गया था। उनके अनुसार मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा निवासी मोहम्मद निशाद ने कोलकाता से कोरियर के माध्यम से एथेनॉल मंगवाया था। फिर दरौंधा निवासी दोनों भाई संदीप और दीपक को सुपुर्द कर दिया था।

धन कमाने की लालच ने बनाया शराब कारोबारी

बता दें कि संदीप और दीपक के पिता गांव में ताड़ी बेचने का काम करते थे। दोनों पुत्र उनका साथ देते थे। करीब 2 साल पूर्व उनकी मृत्यु होने के बाद दोनों पुत्र ने पैसे कमाने की योजना बनाई फिर बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद दोनों ने शराब बिक्री का धंधा अपनाया। इस दौरान शराब बेचने का आरोप में कई बार सलाखों के पीछे जाने पड़ा। जबकि छोटे भाई संदीप आर्म्स एक्ट समेत कई मामलों में जेल जा चुका है।

सैनिटाइजर बनाने के नाम पर मंगवाया था एथेनॉल, फिर बनाया गया जहरीली पेय पदार्थ

एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने प्रेस में यह पुष्टि की है कि सैनिटाइजर बनाने के नाम पर मंगवाए गए एथेनॉल से जहरीली पेय पदार्थ बनाया गया था। उनके अनुसार मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा निवासी मोहम्मद निशाद ने कोलकाता से कोरियर के माध्यम से एथेनॉल मंगवाया था। फिर दरौंधा निवासी दोनों भाई संदीप और दीपक को सुपुर्द कर दिया था।

बाला गांव निवासी मंटू बिंद और सुरेंद्र बिंद को दी गई थी शराब बनाने के लिए एथेनॉल

बाला गांव निवासी मंटू बिंद और सुरेंद्र बिंद दो सगे भाइयों को दीपक और संदीप ले जाकर इससे अच्छे मुनाफे की बात कहते हुए एथेनॉल दी थी। जिसके बाद 50 लीटर ड्राम में मंटू बिंद ने एथेनॉल मिलाकर जहरीला पदार्थ बनाया। इसके बाद पांच 5 लीटर गैलन में करके गांव में सप्लाई करना शुरू कर दिया। जब लोगों की मृत्यु होने कि उसे जानकारी हुई तो गैलन को लेकर अपने घर के पीछे करीब 500 मीटर की दूरी पर एक गेहूं की खेत में ले जाकर पलट दिया। बता दें कि इस मामले में पटना से पहुंची फॉरेंसिक विभाग की टीम ने मंटू के निशानदेही पर वहां से सैंपल कलेक्ट कर अपने साथ ले गई है।

 

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