पूर्णियाः बिहार के पूर्णिया में एक निजी विद्यालय से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां स्कूल टेस्ट में फेल हो जाने पर 5वीं कक्षा के एक छात्र को स्कूल के निदेशक ने घंटों कमरे में बंद रखा. कमरे में बंद छात्र स्कूल के डायरेक्टर के आगे गुहार लगाता रहा, लेकिन स्कूल निदेशक ने उसकी एक न सुनी. जब स्कूल के कमरे में बंद बच्चे के रोने बिलखने की आवाज सुनी तो ग्रामीण स्कूल की ओर दौड़े और बच्चे को कमरे में बंद पाया. बाद में पुलिस और चाइल्ड लाइन की मदद से उसे छोड़ाया गया.
टेस्ट परीक्षा में फेल हो गया था बच्चा
दरअसल ग्रामीणों ने बच्चे को कमरे में बंद पाकर इसकी सूचना चाइल्ड लाइन और स्थानीय पुलिस को दी. जिसके बाद छात्र को बंद कमरे के अंदर से निकाला गया. पूरा मामला कसबा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 5 के हजारीबाग इलाके में स्थित नॉलेज पब्लिक स्कूल का है. वहीं, कक्षा 5वीं में पढ़ने वाले छात्र का नाम नितेश कुमार बताया जा रहा है. स्कूल के निदेशक नीरज आनंद पर आरोप लगाते हुए छात्र नितेश ने बताया कि वह विद्यालय में आयोजित टेस्ट परीक्षा में फेल हो गया था, जिसके बाद स्कूल के निदेशक ने उसे घंटो स्कूल के अंदर बंद रखा. इस दौरान वे रोते बिलखते रहा, मगर उसकी एक नहीं सुनी गई.
पुलिस और चाइल्ड लाइन ने की मदद
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय के कमरे से बच्चे की रोने की तेज आवाज सुनाई दी. जिसके बाद वे स्कूल के उस कमरे की ओर दौड़े. बंद कमरे में छात्र को रोता हुआ पाया. इसकी सूचना उन्होंने फौरन स्थानीय पुलिस और चाइल्ड लाइन को दी. इधर सूचना पाकर पहुंचे बच्चे का पिता मांगन राम व मां पिंकी देवी ने स्कूल के निदेशक को बुलाकर अपने बच्चे को स्कूल से बाहर निकाला. घटना की सूचना मिलने के बाद पहुंची चाइल्ड लाइन के समन्वयक जय कृष्ण गुरुंग ने स्कूल निदेशक से इकरारनामा बनवाया.