कुछ घंटे पहले जिन्हें मार्शल बुलाकर सदन से हटवाया, उन्हें भोज का न्यौता दे गए स्पीकर

बिहार विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री ने नालंदा-सहरसा में हुई हिंसा का ठीकरा भारतीय जनता पार्टी पर फोड़ा तो विधानसभा के अंदर इसी मुद्दे पर सरकार विपक्ष के सवालों से तंग आ गई। विधानसभा अध्यक्ष से कुछ उपाय नहीं सूझा तो उन्होंने ज्यादा हंगामा कर रहे भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा को मार्शल आउट करा दिया। मार्शल उन्हें टांगकर सदन के बाहर ले आए। सदन के बाहर भी जीवेश थमने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों पर हमला हो रहा और सरकार तुष्टीकरण की नीति पर कायम है।

Bihar Vidhan Sabha: Question to Chief Minister on Nalanda-Sasaram violence, BJP MLA marshalled outविधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर सरकार के हिसाब से तानाशाही का आरोप लगाया।विधानसभा का सत्र खत्म करने से पहले बिहार गान हुआ और कुर्सी छोड़ने से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने परंपरा के अनुसार अपने आवास पर सभी सदस्यों को भोज के लिए न्यौता दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल के साथ विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि शाम में आएं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि परंपरा के अनुसार, बजट सत्र की समाप्ति पर मेरे सरकारी आवास पर आपके सभी के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया गया है। विपक्ष से भी निवेदन है कि आपलोग इस भोज में जरूर शामिल हों।

विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है
भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मैंने केवल हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर सवाल किया और CM नीतीश कुमार को बुलाकर जवाब देने की मांग की थी। इस पर ही स्पीकर ने मार्शल को बुला लिया और मुझे सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। इससे आक्रोशिश होकर भाजपा के विधायकों ने सदन ेसे वॉकऑउट कर दिया। इसके सदन सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

बिना जांच रिपोर्ट के ही बयानबाजी कर रहे हैं मुख्यमंत्री
इधर, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नालंदा और सासाराम में हुई हिंसक वारदात पर जवाब देने से सरकार भाग रही है। सदन के अंदर न तो सीएम हैं औ न ही डिप्टी सीएम। हमलोगों ने नालंदा-सासाराम की घटना पर सीएम नीतीश कुमार को जवाब देने की मांग की। इतनी सी बात पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए हमारे विधायक को बाहर निकलवा दिया गया। नेता प्रतिपक्ष ने बिहार में हुई हिंसा पर न्यायिक जांच करने की मांग की। इधर, बिहार विधान परिषद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नालंदा और सासाराम केस की जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है तो मुख्यमंत्री कैसे इस मामले में बयानबाजी कर रहे हैं। घटना के बावजूद दोनों जगह 72 घंटे तक फ्लैग मार्च नहीं करवाया गया। केंद्रीय बल ने आकर सुरक्षा दी तब जाकर हालत में सुधार हुआ।

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