तीरंदाज पूजा की जीवटता को सलाम… प्रेगनेंसी में दो मैच खेलने गई गुजरात

आराः कहा जाता है कि तीरंदाजी वनवासियों का खेल है। लेकिन आरा शहर में रहने के बाद भी पूजा कुमारी ने अपनी लगन की बदौलत तीरंदाजी में एक अलग मुकाम हासिल की। वहीं प्रेगनेंसी के दौरान भी पूजा अपने जिले के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रही हैं। यही कारण है कि कम संसाधन के बावजूद पूजा समेत जिले के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर चुके हैं।
राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में पूजा कुमारी ने कई मेडल प्राप्त किए। साल 2018 में राष्ट्रीय स्तर की एक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर बिहार का गौरव बढ़ाया था। यह बिहार के लिए पहला मेडल था जो झारखण्ड से अलग होने के बाद बिहार की किसी महिला खिलाडी ने हासिल किया। साथ ही पूजा कुमारी 2019 में बिहार खेल सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी हैं। वहीं पूजा कुमारी ने 36वें नेशनल गेम्स में पहला स्थान प्राप्त किया था। यह खेल गुजरात के संस्कार धाम में हुआ था। पूजा कुमारी अब तक दस से ज्यादा नेशनल गेम्स खेल चुकी हैं। फिलहाल, वह भोजपुर तीरंदाजी अकादमी की वरिष्ठ खिलाड़ी और कोच की भूमिका में नवोदित खिलाड़ियों को तीरंदाजी का गुर सिखा रही हैं। पूजा कुमारी आरा शहर के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में बच्चों को कोचिंग कर रही हैं। पूजा की देखरेख में जिले के कई खिलाड़ी राज्यस्तरीय ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में जिला और बिहार प्रदेश का नाम अपनी प्रतिभा की बदौलत रोशन किया।

पढ़ाई के दौरान मैडम की सलाह पर तीरंदाजी का प्रशिक्षण लिया

बड़हरा प्रखंड के बबुरा निवासी स्व। देवेंद्र सिंह और मीनू सिंह की पुत्री पूजा कुमारी ने इतिहास से एमए की डिग्री ली है। पूजा कुमारी ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उनकी अर्चना मैडम ने तीरंदाजी सीखने की सलाह दी। उनकी सलाह और माता-पिता की सहमति लेकर पूजा ने तीरंदाज कोच नीरज कुमार सिंह से संपर्क किया। नीरज सिंह की देखरेख में पूजा ने राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में शामिल होकर प्रदेश का मान बढ़ाया।

कई राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में पदक हासिल की

पूजा के पति नीरज ने बताया कि उसके नाम सफलता की लंबी सूची है। बिहार से झारखंड अलग होने के बाद साल 2018 में ओडिशा के कटक स्थित बाराबती स्टेडियम में आयोजित प्रतियोगिता में पदक हासिल किया। वहीं, साल 2022 में गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित नेशनल गेम्स में इंडियन राउंड में पहला स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा पूजा ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर कई पुरस्कार हासिल करने में सफलता प्राप्त की। खेल में बेहतर प्रदर्शन के लिए साल 2019 में बिहार खेल सम्मान से सम्मानित हुई थी।

ससुराल से भी पूजा को मिल रहा पूरा सहयोग

पूजा ने बताया कि नीरज सिंह से साल 20 जून 2021 में शादी हुई थी। प्रारंभ में पूजा दस हजार रुपये के तीर से निशाना साधती है। हालांकि, तीरंदाजी प्रतियोगिता के रिकर्व राउंड में निशाना साधने के लिए ढाई-तीन लाख रुपये के तीर-धनुष की जरूरत होती है। इसमें ससुराल वालों का पूजा को काफी सहयोग मिला।

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