जेठुली गो’ली कां’ड में पांचवीं मौ’त, ला’श का इंतजार करता परिवार इस मंत्री के खि’लाफ आवाज उठा रहा

पटना के जेठुली गोली कांड में अब पांचवीं मौत दर्ज हो गई है। शनिवार देर रात निखिल कुमार की मौत हो गई। इसे 23 अप्रैल को गोली मारी गई थी। 19 फरवरी को 43 राउंड फायरिंग में दो, एक, एक मिलाकर चार मौतें हुई थीं। जिस पक्ष के चार की पहले मौत हुई, उसी पक्ष के पांचवें की अब मौत हुई है। पुलिस ने 25 अप्रैल को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) के इमरजेंसी वार्ड में उसका बयान लेने के बाद उसकी उम्र 18 साल दर्ज की थी, हालांकि वह नाबालिग था। रविवार को जेठुली में उसके घर पर रोने-चीखने की आवाजों के बीच राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव- इन तीन नामों के साथ लोग इंसाफ की फरियाद कर रहे हैं, जबकि स्थानीय विधायक व मंत्री डॉ. रामानंद यादव के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

Three People Died in Jethuli Shootout Till Now Disturbance Continued on the Second Day 20 arrested so far including Jethuli Chief Husband

ताजा केस 23 अप्रैल का, गिरफ्तारी कोई नहीं
नदी थाना क्षेत्र अंतर्गत जेठुली में 23 अप्रैल को अपराधियों ने सुबह 10 बजे निखिल को गोली मारी थी। वह घर से निकलकर बाजार की ओर जा रहा था, तभी उसे निशाना बनाया गया था। उसने 25 अप्रैल को पुलिस को बयान दिया था कि सत्येन्द्र कुमार, वर्तमान मुखिया अंजू देवी, परमा राय उर्फ़ परमानन्द राय, टेका राय, राजेश्वर राय, सभुष राय और अनुरुद्ध कुमार सिंह सफेद स्कॉर्पियो से आए और सत्येंद्र कुमार ने उसे पेट में गोली मारी। अंजू देवी का पति सतीश कुमार उर्फ बच्चा यादव सरेंडर के बाद जेल में है। अब बीती रात घायल निखिल की भी मौत हो गई। इस तरह एक ही पक्ष में अब तक पांचवीं मौत हो चुकी है, लेकिन पुलिसिया प्रगति यही है कि फरवरी वाले केस में आठ लोगों ने सरेंडर किया, शेष न गिरफ्तारी और न ही सरेंडर है।

रामानंद यादव, पप्पू यादव और विजय सिन्हा आए थे
जेठुली में 19 फरवरी को फायरिंग में मौके पर दो की मौत से ज्यादा बड़ी खबर उस दिन हुई आगजनी की थी। बाद में मौतों की संख्या चार हो गई तो स्थानीय विधायक और राज्य की नीतीश कुमार सरकार में राजद कोटे से मंत्री डॉ. रामानंद यादव, जाप प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा बारी-बारी से यहां पहुंचे। विजय कुमार सिन्हा ने मृतकों के लिए मुआवजा की मांग रखी थी। पप्पू यादव ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग रखी थी। जबकि, मंत्री डॉ. रामानंद यादव ने भरोसा दिलाया था कि सरकार अपना काम कर रही है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन, न तो उस समय और न ही अब किसी को भरोसा है कि दोषियों पर कुछ होगा।

गुस्से की वजह मंत्री से आरोपी परिवार की रिश्तेदारी
रोती-बिलखती महिलाएं कह रहीं कि समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाईटेड और राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े उमेश राय या उसके भाई रामप्रवेश राय, रमेश राय, सत्येंद्र कुमार और डॉ. राजेश कुमार में से पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया। रामप्रेवश राय की बेटी मंत्री डॉ. रामानंद यादव के भतीजे से ब्याही हुई है, इसलिए पुलिस इस परिवार को बख्श रही है। उमेश राय के एक भाई सतीश कुमार उर्फ बच्चा यादव ने अपने बेटे अमन कुमार, भतीजे राहुल कुमार (पिता- रामप्रवेश निराला), सुनील राय (उमेश राय की पत्नी का भाई) समेत कुल आठ ने आत्मसमर्पण किया था।

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