पूर्णिया: शहर के गुलाबबाग जीरो माइल व कटिहार मोड़ रेड लाइट एरिया में छापेमारी के दौरान दो नाबालिग बच्ची समेत सात महिला व लड़कियों को मुक्त कराया गया। नाबालिग बच्चियों को बालिका गृह में आवासित किया गया है। साथ ही शेष के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। यह छापेमारी राष्ट्रीय बाल आधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में एक रेस्क्यू ऑपरेशन बचपन बचाओ आंदोलन, पूर्णियां एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, जिला प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से की गई। इसमें सात परिवार अपने-अपने घर बंद कर फरार हो गए। वैसे छापेमारी के दौरान पांच लड़कियों को नाबालिग होने के संदेह में ही गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में आधार कार्ड देखने के बाद तीन बालिग पाई गईं।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि नाबालिग बच्चियों के साथ दुर्व्यापार पूर्णिया के लिए एक बदनुमा दाग है। देह व्यापार में बच्चों का इस्तेमाल सबसे अधिक घृणित कार्य है। इसे बुद्धिजीवी, प्रशासन एवं सभी प्रबुद्धजन मिलकर साफ करें। पूर्णिया में जब तक यह अमानवीय कार्य खत्म नहीं हो जाता वे बार-बार यहां आते रहेंगे। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो रविवार को समाहारणालय सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि जिले में पांच स्थानों पर दुर्व्यापार का काम चल रहा है, जहां नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है। बताया कि शनिवार को शहर के कटिहार मोड़ और गुलाबबाग जीरो माइल इलाके में जिला प्रशासन और अन्य स्वंयसेवी संस्थाओं के सहयोग से छापेमारी कर नाबालिग सात लड़कियों-महिलाओं को मुक्त कराया गया है।
इस दौरान सात मकान के मालिकों ने अपने-अपने मकान में ताला मार कर बच्चों को भगाने के साथ-साथ छिपाने का काम किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने व अन्य आरोप में कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
बताया कि जिला प्रशासन को सभी बच्चों का सोशल इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट देने के साथ-साथ इन इलाकों में बच्चों के सर्वे करने का भी निर्देश दिया गया है। बताया कि उन इलाके में जहां दुर्व्यापार का काम चल रहा है, ऐसा प्रतीत होता है कि वे मकान नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत नहीं बनाए गए हैं। इसकी भी जांच करायी जाएगी और यदि वे बिल्डिंग अवैध हैं तो उसे नष्ट किया जाएगा। अध्यक्ष ने कहा कि वे जिले में देह व्यापार और बच्चों का इस्तेमाल को लेकर लगातार काम करेंगे तथा इसको लेकर जिला प्रशासन के साथ बैठक कर डिटेल प्लान भी तैयार किया गया है। आयोग इस कार्य की हर माह समीक्षा भी करेगा। देह व्यापार को समाप्त किए जाने के लिए लगातार काम किया जाएगा।
उन्होंने इस घृणित कार्य को रोकने के लिए जिला प्रशासन, बचपन बचाओ आंदोलन व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं एवं प्रबुद्धजनों से प्रभावी तरीके से काम करने की अपील की। वहीं बाल मजदूरी और बाल अधिकार से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम सभी मुद्दों पर काम करेंगे। इस दौरान उनके साथ आयोग की सदस्य रुपाली बैनर्जी, एडीएम केडी प्रौज्ज्वल, वरीय उप समाहर्ता दीक्षित स्वेतम, सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा आदि अधिकारी मौजूद थे।
इस ऑपरेशन में आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के साथ साथ आयोग की सदस्य सचिव, बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक मनीष शर्मा, राज्य समन्वयक अरिजित अधिकारी, मुकुंद कुमार चौधरी, मु. सज्जाद आलम, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पूर्णियां की टीम, अनुमंडलीय पदाधिकारी राकेश रमण, अनुमंडलीय पुलिस पदाधिकारी पुष्कर कुमार, बाल संरक्षन अधिकारी, नगर थानाध्यक्ष के एन सिंह सहित सदर, डगरुआ, मुफस्सिल आदि थानों के पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।