मोतिहारी: मोतिहारी में शादी के मंडप पर दूल्हे की जिद उसपर ही भारी पर गई। उसकी जिद के कारण न केवल शादी टूट गई बल्कि उसे अपने परिवार वालों के साथ कई घंटों तक बंधक बनकर रहना भी पड़ा। मुक्त हुआ तो दूल्हे को पांच लाख कैश और कई कीमती सामान लौटना पड़ा। आज यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। उसकी जिद जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दुल्हन पक्ष का आरोप है कि वरमाला हो गया था। शादी की कई रस्में भी पूरी हो गई थी। लेकिन, सिंदूरदान के वक्त दूल्हे ने सोने की चेन और पलंग की मांग कर दी। पांच लाख कैश और कीमती सामान देने के बाद हमलोग अचानक सोने की चेन देने सक्षम नहीं थे। यह बात दूल्हे और उसके परिवार वालों को समझाया लेकिन वह नहीं मानें।
लड़की पक्ष ने दूल्हा समेत 4 को बनाया बंधक
घटना नगर थाना क्षेत्र के बेलवनवा मोहल्ला में शनिवार की रात है। लड़की पक्ष का कहना है कि श्याम महतो की पुत्री कोमल कुमारी की शादी मुफस्सिल थाना के पटखौलिया गांव निवासी राजेश महतो के पुत्र रोहित कुमार के साथ तय हुई थी। बाराती दरवाजे पर आए। लड़की पक्ष ने बाराती का स्वागत किया। वरमाला की रस्म भी हुई। इसके बाद खाना पीना हुआ। दूल्हा-दुल्हन शादी के मंडप में पहुंची। सिंदूरदान के वक्त दूल्हा रूक गया। वह कहने लगा कि जब तक मुझे सोने की चेन और पलंग नहीं मिलेगी तब मैं दुल्हन की मांग में सिंदूर नहीं डालूंगा। इसके बाद हमलोगों ने कहा कि पहले ही 5 लाख रुपया दहेज के रूप में दे चुके हैं अब सोने की चेन कहां से लाएंगे लेकिन दूल्हा नहीं माना। वह शादी के मंडप से उतर गया।
रात से दोपहर तक बंधक बनाकर रखा, पंचायत भी बैठी
दूल्हा की इस करतूत के बाद दोनों पक्षों में जमकर विवाद हुआ। बात इतनी बढ़ गई कि लड़की वालों ने दूल्हा, उसके पिता, बहनोई और भाई को बंधक बना लिया। इसके बाद रविवार को दोपहर में गांव व मोहल्ला के लोगों की मौजूदगी में पंचायत हुई। पंचायत में दहेज में दी गई राशि व बारात के स्वागत में खर्च वापस लौटने पर बात बनी। दूल्हे के परिवार वालों ने 5 लाख वापस किया तब यह लोग मुक्त हो पाए।
यहां दुल्हन ने कवरमाला के बाद शादी से इनकार कर दिया था
मंडप से शादी तोड़ने की यह पहली घटना नहीं है। हाल में ही सीतामढ़ी में दुल्हन ने दो फेरे लेने के बाद शादी से इनकार कर दिया था। कारण बस इतना था कि दूल्हे का रंग दुल्हन को पसंद नहीं था। इतनी सी बात पर दुल्हन ने शादी से इनकार कर दी। परिवार वालों ने उसे काफी समझाया। लेकिन, वह किसी की नहीं सुनी। दूल्हे को बाराती समेत बैरंग लौटना पड़ा।