भागलपुर: सावन के महीने में शिवालयों की भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. जलाभिषेक करने के लिए लोग कटारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते देखे जा सकते हैं. वहीं सावन मास में पहली सोमवारी को लेकर प्रशासन भी चुस्त-दुरुस्त है मंदिर कमेटी भी तैयार है.
पहली सोमवारी को लेकर विशेष तैयारी
सावन में तरह-तरह के कांवर लेकर कावड़िए मंदिर परिसर में पहुंचते हैं. इनमें से कई कांवड़ 50 फीट तक का होता है. जिला प्रशासन एवं मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसको लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
मंदिर की कैसे हुई स्थापना
मंदिर का 400 साल पुराना इतिहास रहा है. बाबा भोले का यह दरबार लोगों के बीच मिनी देवघर के नाम से प्रख्यात है. बाबा ब्रजलेश्वर महादेव मंदिरके पुजारी बताते हैं कि बाबा ब्रजलेश्वर अकाल मौत को भी टाल देते हैं. यह मंदिर की स्थापना क्षेत्र के ही राजा झब्बन सिंह ने जन सहयोग से करवाया था.
राजा को सपने में महादेव ने दिया था आदेश
मंदिर के जगह पर पूर्व में जंगल हुआ करता था. जंगल में चरवाहा की गाय हर रोज एक निश्चित स्थान पर अपना सारा दूध बहा देती थी, इसको लेकर आसपास के इलाके में चर्चा हुई तो लोगों ने साहस कर उस जगह को कुदाल से खुदाई की तो वहां शिवलिंग पाया. उसी दिन रात को राजा को महादेव ने सपना दिया कि यहां पर मंदिर का निर्माण होना चाहिए. मंदिर का निर्माण तब से यहां पर हो रखा है.समय-समय पर मंदिर का मेंटेनेंस वहीं के लोगों के द्वारा किया जाता है.
40 किलोमीटर पैदल यात्रा कर चढ़ाते हैं जल
मंदिर के बारे में वहां के पुजारी बताते हैं कि सोमवार को बैरागन का दिन होता है, जहां पर की हजारों लोग जल अर्पण करने मंदिर पहुंचते हैं. सुल्तानगंज के अगवानी घाट से जल भरकर 40 किलोमीटर पैदल यात्रा करते वक्त मरवा पहुंचते हैं.

सीसीटीवी कैमरे से रखी जाएगी नजर
नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज ने बताया कि सावन को लेकर मड़वा के बाबा ब्रजलेश्वर महादेव मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. वहीं स्थानीय थाना झंडापुर ओपी के पुलिसकर्मी एवं अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे. भीड़भाड़ वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरे से खासी नजर रखी जाएगी.