25 से खुल जाएगा बिहार का पहला सब रीजनल साइंस सेंटर, रात के आकाश को देखेंगे लोग,जानें खासियत

गया: गया के बोधगया में 5 एकड़ में बना बिहार का पहला सब रीजनल साइंस सेंटर सोमवार यानी 25 जुलाई से स्कूली छात्रों के लिए खोल दिया जाएगा. दरअसल गुरुवार को साइंस सेंटर और नवप्रवर्तन केंद्र का विधिवत उद्घाटन कर दिया गया है. यहां पर स्कूली छात्र-छात्राओंमें वैज्ञानिक शिक्षा के प्रति उत्सुकता बढ़ाने तथा नवीन विचारों को पैदा करने,वैज्ञानिक साक्षरता जागरूकता एवं जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिक के विकास को प्रोत्साहित करने, इसे आम जन तक संप्रेषित करने के उद्देश्य से साइंस सेंटर का निर्माण किया गया है. बता दें कि इसके निर्माण में 5.99 करोड़ रुपए की लागत आई है. जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

25 से खुल जाएगा बिहार का पहला सब रीजनल साइंस सेंटर, रात के आकाश को देखेंगे  लोग,जानें खासियत - Bihars first sub regional science center will open from  24 people will seeसाइंस सेंटर में युवा पीढ़ी को रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करने हेतु नवाचार हब की सुविधा है. 20 से 25 आगंतुकों की क्षमता वाला एक इंटरएक्टिव इनफ्लैटेबल तारामंडल की सुविधा है. जहां पारंपरिक तारामंडल के विपरीत यह रात के आकाश के सिमुलेशन के साथ एक इंटरएक्टिव लाइव प्रदर्शन किया जाएगा. साइंस सेंटर के परिसर में बच्चों को पार्क में खेलते समय वैज्ञानिक उपकरणों से अवगत कराने के लिए साइंस पार्क की सुविधा है. सोमवार से यह साइंस सेंटर स्कूली छात्र छात्राओं के लिए खुल जाएगा. प्रधानाचार्य के स्तर से निर्गत आदेश पत्र के साथ कम से कम 20 छात्र-छात्राएं यहां आएंगे. प्रति छात्र 5 रुपये देने होंगे. 3 वर्ष से अधिक उम्र के सामान्य दर्शक को प्रति व्यक्ति 10 रुपया जबकि 3 वर्ष से अधिक उम्र के विदेशी पर्यटक को प्रति व्यक्ति 100 रुपये देने होंगे. फिलहाल साइंस सेंटर एक महीना तक स्कूली छात्र छात्राओं को प्रवेश करने की इजाजत दी गई है. आम लोग 1 महीने के बाद यहां आ सकेंगे. साइंस सेंटर की देखरेख गया इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल के द्वारा की जाएगी.

रात के आकाश को देखने का अवसर प्रदान करेगा
साइंस सेंटर के परिसर में साइंस पार्क बनाया गया है. जो पूरी तरह से इंटरएक्टिव प्रदर्श हैं, जो विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धांतों जैसे कंपन, गणित, धारणा, ध्वनि आदि के साथ कुछ प्रमुख भारतीय वैज्ञानिकों के जीवन और कार्यों को कवर करती है. यह बिना दीवारों के एक प्रदर्शनी है जो आगंतुकों, विशेष रूप से बच्चों को पार्क में खेलते समय वैज्ञानिक उपकरणों का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगी. वहीं तारामंडल में आगंतुक गुंबद के अंदर बैठ रात के आकाश को देखने का अवसर प्रदान करेगा. इस सुविधा में आकाश अवलोकन, प्रमुख नक्षत्रों के पहचान, दिशा खोज, आदि के बारे में सीखा जा सकता है. पारंपरिक तारामंडल के विपरीत यह रात के आकाश के सिमुलेशन के साथ एक इंटरएक्टिव लाइव प्रदर्शन होगा.

लोगों वछात्रों कोविज्ञान को आसान तरीके से समझेंगे
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के उप महानिदेशक समरेंद्र कुमार ने बताया कि गया बौद्ध धर्म तथा हिंदू तीर्थ यात्रा के लिए प्राचीन और सबसे पवित्र शहर में से एक है. यहां लाखों देसीऔर विदेशी पर्यटक आते हैं. बोधगया में साइंस सेंटर के निर्माण से यह लोग विशेष रूप से छात्र, विज्ञान को आसान तरीके से समझेंगे, सीखेंगे, आनंद लेंगे, अनुभव करेंगे और विज्ञान कार्य करेंगे. इसके अलावा नवप्रवर्तन केंद्र छात्र-छात्राओं को रचनात्मक कार्य को बढ़ावा देगी और नवाचारों के लिए प्रेरित करेगी. यह न केवल विज्ञान केंद्र के अधिक प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करेगा. बल्कि समस्या समाधान और परियोजना आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने में इश्क उपयोग और भूमिका को पुनः परिभाषित करेगा. यह सुविधा छात्रों को विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार की प्रक्रिया में हैंड्स ऑन व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करेगी.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading