बिहार: टीईटी, एसटीईटी आदि पास करने के बाद बड़े पैमाने पर युवक और युवतियों के शादी के लिए रिश्ता तय होने लगा था. लड़की वालों को उम्मीद रहता था कि आज नहीं तो कल उनका दामाद सरकारी शिक्षक बन ही जाएगा, लेकिन जब से बीपीएससी द्वारा सातवें चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से यह परीक्षा बिहार के भविष्य के शिक्षकों के लिए नासूर बन गया है . आलम यह है कि शिक्षक अभ्यर्थियों( जिसमे पुरुष और महिला दोनों शामिल है)का रिश्ता टूट गया. लोगों को डर है की अभ्यर्थी बीपीएससी परीक्षा पास नहीं कर पाया तो शिक्षक नहीं बन पाएगा. ऐसे में कई अभ्यर्थियों ने जहां इसे चुनौती के रूप में लिया है तो कई उदास हैं.

बीपीएससी शिक्षक परीक्षा की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, अभ्यर्थियों का दर्द धीरे-धीरे उभरकर सामने आने लगा है.
बीपीएससी शिक्षक की तैयारी एवं ग्रुप स्टडी कर रहे मिशन बीपीएससी टीचर ग्रुप के अभ्यर्थियों ने Local18 से अपने दिल का दर्द साझा किया.चंदन कुमार ने बताया कि इस ग्रुप में 120 नंबर और 100 नंबर का सेट बनाते हैं. इसके बाद कॉपी जांच होती है. इस दौरान जिन अभ्यर्थियों को जिस प्रश्न में किसी प्रकार का कोई संदेह अथवा सॉल्व करने में दिक्कत होती है, वे इसका निराकरण अपने साथी अभ्यर्थियों से बातचीत कर करते हैं. वहीं, कॉपी जांच के बाद रिजल्ट जारी किया जाता है . इससे अभ्यर्थियों को पता चलता है कि उनकी तैयारी का लेवल क्या है. उसके अनुसार वे फिर से तैयारी में जुट जाते हैं.

टूट गया शादी का रिश्ता
इसी ग्रुप के नितेश कुमार बताते हैं कि हमें पहले से यही पता था कि सातवें चरण की बहाली में डायरेक्ट जॉइनिंग होगी. लेकिन सरकार ने यह बहाली बीपीएससी के माध्यम से कर दी . वे मुस्कुराते हुए कहते हैं कि पहले शादी तो फिक्स हो ही गई थी, लेकिन बीपीएससी आने के बाद रिश्ता टूट गया. घोड़ासहन के अरविंद कुमार त्रिपाठी पिछले 10 वर्षों से मोतिहारी में रहकर तैयारी कर रहे हैं. वे बीपीएससी शिक्षक के सिलेबस को लेकर नाखुश हैं. कहते हैं कि हम लोग भगवान भरोसे तैयारी कर रहे हैं. वहीं,मेवालाल कुमार कहते हैं कि सरकार को यही करना था तो एक वर्ष पहले ही बता देती. हम लोग उसके हिसाब से अपनी तैयारी करते.