दरंभगा: बिहार में दरभंगा उड़ान योजना के तहत दरभंगा में चल रहे दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने एक दंपती को उनके तीन दिन के बच्चे के साथ फ्लाइट में सफर करने से रोक दिया. जिसके बाद दंपती ने वहां पर मौजूद कर्मियों से काफी मिन्नतें की लेकिन एयरलाइंस कंपनी ने उन्हें गाइडलाइन के मुताबिक सात दिन से ऊपर के नवजात के ही विमान में सफर करने की बात कह अनुमति नहीं दी. जिसके बाद दंपती को मजबूरी में सड़क मार्ग से दिल्ली की यात्रा करनी पड़ी.
यात्री ने की तीन टिकट की बुकिंग
वही शहर के बेला निवासी अनिल कुमार झा ने बताया कि उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाजरत अपने पिताजी को देखने जाना था. उन्होंने अपनी पत्नी रीता देवी और तीन दिन के नवजात शंकर के साथ सोमवार की दोपहर 1.50 बजे दरभंगा से नई दिल्ली जाने वाली फ्लाइट में 12,066 रुपये में तीन टिकटों की बुकिंग की थी. इसमें नवजात का टिकट भी शामिल था. जिसके लिए उन्होंने 1700 रुपये दिए गए थे. उन्होंने बताया कि बुकिंग के समय बच्चे के उम्र का उल्लेख किया था.
क्यों नहीं करने दिया गया सफर?
आगे उन्होंने बताया कि दरभंगा एयरपोर्ट पर चेक-इन काउंटर पर एयरलाइंस के कर्मचारियों ने उन्हें रोक लिया और तीन दिन के नवजात के साथ यात्रा करने की अनुमति नहीं दी. जिसके बाद दंपती ने आनन-फानन में शहर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ओमप्रकाश से नवजात के फिटनेस प्रमाण पत्र को लेकर एयरपोर्ट पहुंचे लेकिन एयरलाइंस के कर्मियों ने उस प्रमाण पत्र को मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि गाइडलाइन के मुताबिक सात दिन से ऊपर का नवजात ही विमान में सफर कर सकता है.
टिकट की राशी लौटाने का आश्वासन
हांलाकि स्पाइसजेट ने यात्री को टिकट बुकिंग की पूरी राशि की वापसी का आश्वासन दिया है. इसके लिए उन्हें ईमेल करने की सलाह दी है लेकिन ईमेल करने के बावजूद अभी तक टिकट राशि उन्हें वापस नहीं मिली है. इस बाबत दरभंगा एयरपोर्ट के निदेशक सत्येंद्र झा ने बताया कि एयरलाइंस के अधिकारी ने इसकी अनुमति नहीं दी है. इसलिए यात्रियों को विमान से यात्रा करने से रोक दिया गया.
स्पाइसजेट को बताया मुसीबत
विमानन कंपनी के इस रवैये पर उपभोक्ता कल्याण संघ के अध्यक्ष श्याम तालुका ने कहा है कि स्पाइसजेट तो दरभंगा के लिए मुसीबत जैसी है. नवंबर तक एयरपोर्ट के साथ उसका करार है. जो मन में आये करे, कम उड़ान करे, बंद करे या ज्यादा फेयर ले. भारत सरकार को कोई मतलब नहीं है. कमाल तो ये भी है कि नवंबर के बाद भी किसी उड़ान कंपनी ने दरभंगा से उड़ान घोषित नहीं की है.