मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक तरफ तो लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर यहां पानी को लेकर भी त्राहिमाम मचा हुआ है. आलम यह है कि लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. नहाने से लेकर पीने तक के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. एक दर्जन से अधिक चापाकल एक बूंद पानी नहीं दे रहा है. मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड में पानापुर, महेश्वारा, जनार में जलसंकट गहरा चुका है.
यहां तापमान बढ़ने के साथ ही चापाकल का लेयर नीचे चला गया है.दिन चढ़ते ही चापाकल से पानी आना बंद हो जाता है. चापाकल बिल्कुल ही सूख गए हैं. इतना ही नहीं घर में लगा मोटर भी काम नहीं कर रहा है. सुबह में भोजन बनाने व स्नान के लिए बाल्टी व डब्बा लेकर लोग दूर-दाराज स्थित सरकारी चापाकलों से पानी लाने को मजबूर हैं.
बता दें, गर्मी के पूर्व ही जिले में विभाग के द्वारा प्रत्येक गांव में खराब पड़े चापाकल को दुरुस्त करने का आदेश निर्गत किया गया था. पीएचडी विभाग के द्वारा सभी पंचायतों में कार्य किया गया था. लेकिन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक उदासीनता ने विभाग के आदेश की भी धज्जियां उड़ा दी और आम लोगों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. आदेश को ठेंगा दिखाते हुए जनप्रतिनिधियों ने खराब पड़े चापाकल को दुरुस्त करने की दिशा में कोई पहल नहीं कर पाई.
वहीं ग्रामीण महिला रीना देवी बताती है कि पानी के बिना मवेशी मर रहे हैं. भीषण गर्मी है. सभी चापाकल सूख गए हैं. एक चापाकल से सभी का चूल्हा चौका जल रहा है. दर्द बयां करते हुए ग्रामीण महिला जयपति देवी बताती हैं कि 15 दिन से चापाकल सूख चुका है. दूसरे के चापाकल पर पानी लाने के लिए जाना पड़ता है, 4 दिन से नहाए नहीं है. औराई के अंचलाधिकारी भोगेन्द्र यादव ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है, क्षेत्र की समस्या का निदान कराने का प्रयास किया जा रहा है.