गजब! यह रिटायर्ड अधिकारी मिनी ओलंपिक में दिखाएगा जलवा, तैराकी में करेगा देश का प्रतिनिधित्व

पटना : अक्सर लोग रिटायरमेंट के बाद अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपने शौक को फिर से जीवित करते हैं. एक ऐसे ही इंसान हैं राजधानी पटना के महेंद्रू में रहने वाले मुरारी मोहन शर्मा. बिहार सरकार में अधिकारी रहने के साथ ही मुख्यमंत्री के जनता दरबार में 10 वर्षों तक मजिस्ट्रेट के पद पर रहने वाले मुरारी मोहन शर्मा अब तैराकी करते हैं. वे अब जापान में होने वाले विश्व एक्वेटिक मास्टर्स चैम्पियनशिप’ कायशू 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. वे बिहार के इकलौते ऐसे तैराक हैं, जो इस उम्र में भी अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी काबिलियत सबित करेंगे. इसके लिए वह 4 अगस्त को जापान जाएंगे. बिहार के वह पहले मास्टर अंतर्राष्ट्रीय तैराक हैं, जो 65 से 69 साल की आयु श्रेणी में 50 मीटर फ्री स्टाइल प्रतियोगिता में भाग लेंगे.

Mini-Olympic Games 2021 – MOCगंगा में सीखी तैराकी

मुरारी मोहन शर्मा बताते हैं कि बचपन में गंगा किनारे घर होने की वजह से तैराकी सीखना जरूरी ही था. घर से बाहर निकलते ही गंगा बहती नजर आ जाती थी. पूरा बचपन गंगा की लहरों के बीच बीता. हंसते हुए कहते हैं, रोज पापा उठा कर गंगा में फेंक देते थे, तो बचने के लिए मैं हाथ-पैर मारता था. ऐसे करते-करते मैं तैराकी सीख गया. मस्ती करते हुए दोस्तों के साथ गंगा तैरकर उस पार चले जाते और खेत में लगे चना चुरा कर खा जाते थे. बाद में बिहार सरकार में नौकरी लग गई तो फिर तैराकी पीछे छूट गई.

श्री शर्मा बिहार सरकार में मार्केटिंग ऑफिसर बने और फिर असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर बने. वह पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सहित कई दिग्गज लोगों के संपर्क अधिकारी भी रह चुके हैं. वर्ष 2005 से 2015 तक बिहार सीएम के जनता दरबार में मजिस्ट्रेट रहते हुए वहीं से रिटायर भी हुए.रिटायरमेंट के बाद तैराकी में मुरारी मोहन शर्मा कई मेडल जीत चुके हैं. स्टेट लेवल पर उनके पास 30 गोल्ड, 20 सिल्वर और 15 ब्रॉन्ज मेडल है. इसके अलावा नेशनल लेवल पर 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्जमेडल है. वह हर रोज बांकीपुर क्लब में चार घंटे प्रैक्टिस करते हैं.

स्टील वाले स्विमिंग पूल के आते हैं सपने

इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मुरारी मोहन शर्मा बहुत उत्साहित हैं. आलम यह है कि एक महीने से हर रात को उनको यह सपना आता है कि वे स्टील से बने स्विमिंग पूल में तैराकी कर रहे हैं. दरअसल, जापान के जिस स्विमिंग पूल में यह प्रतियोगिता हो रही है वह एक स्टील से निर्मित है. इस स्विमिंग पूल में ओलिंपिक भी हो चुका है. उनका सपना है कि 100 वर्ष की आयु में वह इंटरनेशनल में भारत को फिर से रिप्रेजेंट करें.

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