बिहार : आप लोगों ने लखीसराय के शहरी क्षेत्र के कई स्थानों पर मटन का स्वाद लिया होगा, लेकिन आज हम आपको जिला के हलसी प्रखंड मुख्यालय में दो भाइयों के द्वारा खिलाए जाने वाले मटन-चावल के बारे में बताएंगे. इन दोनों भाइयों के हाथों में जादू है. एक बार इस दुकान के मटन का स्वाद चख लिया तो गारंटी है कि दूसरी बार यहां आने से खुद को नहीं रोक पाएंगे और इस दुकान पर मटन खाने जरूर आएंगे. गणेश राम और उमेश राम नामक दो भाई झोपड़ी नुमा दुकान में लजीज मटन तैयार करते हैं. जहां मटन और चावल खाने वाले लोगों का जमावड़ा लगता है.
यह दुकान लखीसराय से सिकंदरा जाने वाली मुख्य मार्ग पर हलसी प्रखंड मुख्यालय के समीप अवस्थित है. खास बात यह है कि दोनों भाई पिछले 40 वर्षो से लोगों को स्वादिष्ट मटन खिला रहे हैं. नॉनवेज आइटम में मटन चावल खाना लोग बेहद पसंद करते हैं. वहीं अगर झोपड़ी में बेहतरीन स्वाद वाला मटन और चावल खाने को मिल जाए तो सोने पर सुहागा जैसा अनुभूति होती है. उसी झोपड़ी में दुकान चलाने वाले दो भाई उमेश राम और गणेश राम बताते हैं कि वो पिछले 40 वर्षों से लोगों को मटन चावल खिला रहे हैं.
40 साल से परोस रहे हैं बेहतरीन स्वाद
उमेश राम बताते हैं कि खुद से मटन तैयार करते हैं और मटन को हल्की आंच पर काफी देर तक चूल्हे पर पकाते हैं. खास बात यह है कि इस मटन बनाने में जिन मसालों का प्रयोग किया जाता है, उसे वो घर पर हीं तैयार करते हैं. इन मासालों में धनिया, मिर्च, लहसून सहित अन्य सामाग्री तो खुद के खेत का उपजा हुआ रहता है. घर के मसालों का इस्तेमाल होने पर मटन का स्वाद निखर कर आता है और लोग बड़े चाव से खाते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 40 वर्षों से लगातार ग्राहकों का विश्वास बनाए रखा है. हर दिन यहां 20 किलो से अधिक मटन की खपत हो जाती है.
कम दाम में मटन का लजीज स्वाद
गणेश राम ने बताया कि हम प्रत्येक दिन फ्रेश मटन अपने ग्राहकों को परोसते हैं. बांकी होटलों से यहां मटन-चावल का रेट भी काफी कम है. यहां मात्र 140 रुपए में लोगों को टेस्टी मटन-चावल खिलाए जाते हैं. एक प्लेट में पांच पीस मटन औ चावल परोसे जाते हैं. वहीं खुद से मटन तैयार करने पर एक फायदा यह है कि कारीगर के पैसे भी बच जाते हैं. आगे गणेश राम ने बताया कि इस मटन-चावल की दुकान पर हर माह ढाई लाख का टर्नओवर होता है. ग्राहक दूर-दूर से आकर यहां मटन चावल खाकर जाते हैं.