गया में पितृपक्ष के दौरान पूरे देश के साथ विदेशों से भी लोग आते हैं। इस दौरान गया में भारी भीड़ रहती है और सालभर में यही एक ही मौका होता है, जिसमें गया के पंडों की ठीक से कमाई होती है। पितृपक्ष के दौरान बागेश्वर सरकार के कार्यक्रम को लेकर पंडों को एतराज है। उन्होंने 29 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच कार्यक्रम नहीं रखने की अपील गया जिला प्रशासन से भी की है। बागेश्वर वाले बाबा का कार्यक्रम मगध विश्वविद्यालय प्रांगण में कराने के लिए अनुमति लेने के प्रयासों के बीच इस एतराज के बाद अब कार्यक्रम को बदलने की चर्चा सामने आ रही है। परिस्थितियों के आधार पर इस सवाल के जवाब में बागेश्वर धाम प्रबंधन समिति ने बताया कि अबतक यह कार्यक्रम पक्का है। गया जिला प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र या अनुमति मिलने के बाद इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी। पंडित धीरेंद्र शास्त्री अक्टूबर की तीन, चार और पांच तारीख को गया में रहेंगे। इसके पहले और इस दरम्यान दूसरे वाचक कथावाचन करेंगे। अगर आपत्ति के कारण कोई दिक्कत हुई तो पितृपक्ष के दरम्यान की तारीख या जगह बदलने पर विचार किया जाएगा, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई औपचारिक जानकारी गया जिला प्रशासन ने बागेश्वर धाम प्रबंधन को नहीं दी है।

क्या संभावना है और इसका फायदा-नुकसान क्या
पितृपक्ष के दौरान बागेश्वर बाबा के इस कार्यक्रम में देश के वीर शहीदों के परिजन भी आ रहे हैं, इसलिए यह कार्यक्रम 29 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच में कराया जाना है। चूंकि यह कार्यक्रम बागेश्वर धाम प्रबंधन की ओर से आयोजित हो रहा है और प्रबंधन ने फिलहाल मगध विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजन की अनुमति मांगी है, इसलिए आपत्ति की चर्चा फैल रही है। विवि परिसर में कार्यक्रम होने पर शहर के साथ गया-गोभी एनएच पर भी पितृपक्ष और इस कार्यक्रम के जाम का प्रभाव हो सकता है, इसलिए तारीख नहीं तो जगह बदलने के लिए कह सकता है। वजीरगंज के बड़े मैदान में कार्यक्रम हो या बारिश खत्म होने की स्थिति में सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस हो तो यह समस्या भी कम होगी और पंडों का विरोध भी नहीं होगा। कार्यक्रम की तारीख और जगह को सुनिश्चित कर सरकारी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए बागेश्वर धाम प्रबंधन की टीम एक हफ्ते बाद आ सकती है। नेपाल में बागेश्वर धाम सरकार के कार्यक्रम से पहले गया के कार्यक्रम की औपचारिकता पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।