बिहार : श्रावण की फिर शुरुआत हो गई है. इस बार अद्भुत संयोग बना है. पंडित मनोत्पल झा कहते हैं सभी लोग अच्छी तरह जानते हैं कि इस बार मलमास लगा था. जिस कारण श्रावण का महीना 2 महीनों में बंट गया. एक महीना मलमास लग जाने के कारण श्रावण 2 मास का हो गया. इस बार का दूसरा श्रावण का आखरी महीना है. उन्होंने कहा कि आखरी महीने के श्रावण की शुरुआत 17 अगस्त को शाम 4:10 से हो गई. अगले 31 अगस्त को 8 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. उन्होंने कहा इस संयोग से सावन की शुरुआत गुरुवार के दिन शुरू होकर गुरुवार को खत्म हो रहा ऐसे में भक्तों को विशेष लाभ होगा.
रुद्राभिषेक के साथ पार्थिव पूजन करें, मिलेगा लाभ
पंडित जी कहते हैं कि कई लोग रुद्राभिषेक या पार्थिव पूजन या महादेव के विशेष जलाभिषेक आदि पूजन करने के लिए सोमवार के दिन का इंतजार करते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि श्रावण की शुरुआत 17 अगस्त से हो गई है जो 31 अगस्त गुरुवार तक रहेगा. ऐसे में भक्तों को अपने इच्छाअनुसार और अपने सुविधानुसार भगवान की भक्ति किसी भी समय निकालकर कर सकते हैं. वह कहते हैं कि कई सोमवारी व्रती ऐसे में सोच रहे होंगे तो उन्हें भी स्पष्ट रूप से बता दूं कि यह दो सोमवारी बचे हैं. जो श्रावण के सोमवारी हैं. इसे आप भगवान भोलेनाथ के साथ भगवान विष्णु की पूजा आराधना कर संपन्न कर सकते हैं. जिससे आपके उपर ईश्वर की अपार कृपा बनी रहेगी.

श्रावण 31 को होगा खत्म,बन रहा विशेष संयोग
दरअसल, उन्होंने कहा इस बार का यह श्रावण मास की शुरुआत 17 अगस्त से हो रही है. यह गुरुवार का दिन है. कहे तो श्रावण की शुरुआत गुरुवार के दिन से होना और गुरुवार के दिन को खत्म होना यह एक बहुत बड़ा संयोग बनता है. उन्होंने कहा कि भगवान भोलेनाथ और भगवान विष्णु की इतनी मित्रता है कि उसकी चर्चा करना ही कम पड़ जाए. पंडित जी कहते हैं इस श्रावण मास में भक्तों को भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा आराधना सच्चे मन और श्रद्धा पूर्वक करें, तो निश्चित तौर पर उनके लिए विशेष लाभकारी होगा. उन्होंने कहा कि भगवान शिव की आराधना के साथ भगवान विष्णु की आराधना करेंगे. भगवान विष्णु माता लक्ष्मी तक हम सभी भक्तों के संवाद को पहुंचा कर कष्ट का निवारण करेंगे.