नीतीश सरकार ने शिक्षक दिवस से पहले दी बड़ी गुरुदक्षिणा, टीचर से लेकर स्‍टूडेंट तक खुश

पटना. बिहार के सरकारी स्कूलों में छुट्टियों में कटौती के आदेश पर जमकर बवाल मचा. शिक्षकों से लेकर विपक्ष तक ने सरकार को जमकर घेरा, जिसका नतीजा यह रहा कि नीतीश सरकार को तुरंत फैसला वापस लेना पड़ा. दरअसल, शिक्षा विभाग ने हाल ही में सरकारी विद्यालयों में होने वाले अवकाश तालिका में कटौती करते हुए उसे आधा कर दिया गया था. विरोध बढ़ने पर सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है. इसको लेकर केके पाठक की कड़ी आलोचना भी हुई थी.

Nitish Kumar is a worthy of PM post…' JD(U) leader on Bihar CM contesting  Lok Sabha polls 2024 | Mintमाध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने पत्र जारी कर प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक की अवकाश तालिका को निरस्त कर दिया है. नए पत्र के अनुसार, छुट्टियों की पुरानी व्यवस्था को फिर से बहाल कर दिया गया है. साथ ही इसके आदेश प्रदेश के सभी राजकीय, प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों को दे दी गई है. बता दें 29 अगस्त को आदेश जारी कर रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, छठ, दीपावली और दुर्गा पूजा समेत कई त्‍योहारों की छुट्टियों में कटौती की गई थी. साथ ही जीउतिया और तीज की छुट्टियों में भी कटौती हुई थी.

शिक्षकों के लगातार विरोध को देखते हुए लिया फैसला
शिक्षा विभाग की ओर से किए गए कटौती के बाद शिक्षकों का विरोध बढ़ गया था. शिक्षकों के लगातार विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पहल करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को तुरंत छुट्टियों में कटौती के आदेश निरस्त करने का आदेश दिया था. हालांकि आज शिक्षक दिवस के मौके पर प्रतिरोध मार्च होना है, जिससे ठीक पहले सरकार ने छुट्टियों में कटौती के आदेश को निरस्त कर दिया.

कई बड़े त्यौहारों की छुट्टियों में हुई थी कटौती
आदेश के अनुसार 6 सितंबर से लेकर 25 दिसंबर के बीच छुट्टियों में कटौती कर मात्र मात्र 11 दिनों के लिए स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया था, जिसमें रक्षा बंधन, जन्माष्टमी, छठ, दीपावली और दुर्गा पूजा समेत कई त्यौहारों की छुट्टियों में कटौती हुई थी. साथ ही जीउतिया और तीज की छुट्टियों में भी कटौती हुई थी. वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी ने नीतीश सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया था. साथ ही जमकर राजनीतिक बयानबाजियां भी हुई.

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