बिहार : सरकारी विद्यालयों में बहाल होने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच कार्य सदर प्रखंड के मोकर गांव स्थित जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) पर सोमवार से शुरू हो गई। एकाएक जुटी अभ्यर्थियों की भीड़ के कारण पहले दिन अफरा-तफरी का माहौल रहा। प्रमाणपत्र सत्यापन कराने वाले अभ्यर्थियों की संख्या इतनी जुट गई कि काउंटर भी कम पड़ गए। काफी मशक्कत के बाद अधिकारी भीड़ नियंत्रित करने में सफल रहे।
2 सितंबर तक चलेगा प्रमाणपत्र सत्यापन का कार्य
विधि व्यवस्था संधारण को लेकर डीआरसीसी के दोनों प्रवेश द्वार पर दंडाधिकारी की मौजूदगी में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। 12 सितंबर तक प्रमाणपत्र सत्यापन कार्य सुबह नौ से शाम छह बजे तक होगा। डीएम के धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि बीपीएससी गाइडलाइन के तहत जिले से जुड़े अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कार्य जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र में प्रारंभ किया गया।
शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना अमरेंद्र कुमार गोंड को नोडल बनाया गया है, जबकि एडीएम चंद्रशेखर प्रसाद सिंह को बीपीएससी से निर्देशों के आलोक में अपलोड किए गए प्रमाणपत्रों के सत्यापन कार्य कराना सुनिश्चित कराने को कहा गया है।

नौंवीं से 12वीं कक्षा तक के अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच
अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसे देखते हुए 20 काउंटर खोला गया है। सभी काउंटर पर अधिकारियों व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। कक्षा नौ से 12 वीं तक के अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। चार से आठ सितंबर तक 11 वीं व 12 वीं तथा नौ से 12 सितंबर तक नौवीं व दसवीं कक्षा के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। कक्षा एक से पांचवीं के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग निर्देश प्राप्त होने के बाद कराने का निर्णय लिया जाएगा।
क्या बोले विभाग के अधिकारी?
विभागीय अधिकारी के मुताबिक, कोई अभ्यर्थी नौवीं-दसवीं व 11वीं 12वीं दोनों के लिए आवेदन किया है तो वे किसी एक ही तिथि को उपस्थित होकर अपना प्रमाणपत्र सत्यापन कराएंगे। जिले में कक्षा एक से पांचवीं तक 1093 शिक्षक की बहाली होगी, जिसमें सामान्य 562 तथा उर्दू 531 शिक्षक का पद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कक्षा नौवीं से 12 वीं तक के लिए भी शिक्षकों को बहाल किया जाना है। कक्षा नौवीं-दसवीं में 759 तथा 11वीं-12वीं में 1523 शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी।
काउंसलिंग कराने पहुंचे मुकेश कुमार, प्रीति कुमारी, सुमन पटेल समेत अन्य अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रमाणपत्र सत्यापन कार्य अव्यवस्थित होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। न तो महिला-पुरुष अभ्यर्थियों के अलग काउंटर थे न विषयवार ही, जिससे सभी काउंटर पर अत्यधिक भीड़ होने से अफरा-तफरी का माहौल रहा।