मुजफ्फरपुर में जन्माष्टमी की धूम, जन्मोत्सव के लिए जबरदस्त तैयारी; जानिए कैसे होगी इन मंदिरों की सजावट

मुजफ्फरपुर : आज देशभर में जन्माष्टमी की धूम है। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर में भी हरिसभा चौक स्थित राधा-कृष्ण सहित अन्य मठ-मंदिरों में उत्सवी माहौल है। जन्माष्टमी को लेकर हरिसभा चौक स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में दो महीने पहले से ही जीर्णोद्वार के साथ तैयारियां शुरू हो गई थी। साहू पोखर स्थित फलाहारी बाबा मठ और गोला रोड स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर में भव्य आयोजन होगा। विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी स्थलों पर पूजा-पाठ का विशेष आयोजन किया गया है। शहर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। राधा-कृष्ण मंदिर में जागरण कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसके अलावा घरों में श्रद्धालु व्रत रखकर लड्डू गोपाल की पूजा करेंगे।

Janmashtmi 2022:जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर में धूमधाम से होगी जन्माष्टमी,  यहां जानें पूजा और दर्शन का समय - Janmashtami 2022 In Govind Dev Ji Temple  In Jaipur - Amar Ujalaग्रामीण क्षेत्रों में भी तैयारियां तेज 

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी तैयारियां जोरों पर है। प्रखंड के मुशहरी, कुढ़नी, कांटी, साहेबगंज, सरैया, पारू, गायघाट, बोचहां समेत अन्य प्रखंडों में सार्वजनिक और निजी स्थलों पर पंडाल का निर्माण कर साज-सज्जा का कार्य पूरा कर लिया गया। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं की टोली द्वारा मटका फोड़ कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।

उपवास रखने में अधिकांश महिलाएं

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर अधिकांश महिलाएं उपवास में रहकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करेंगी। निजी और सरकारी विद्यालयों में एक दिन पहले ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मना ली गई। इसे लेकर प्राइवेट स्कूलों में बुधवार को घुट्टी दे दी गई है। बता दें कि सरकारी विद्यालयों में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन के रद्द अवकाश को फिर से बहाल कर दिए जाने के बाद से कार्यरत शिक्षिकाओं में भी हर्ष का माहौल है। कई शिक्षिकाओं ने बताया कि अब भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना और उपवास रखने में सहूलियत होगी। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मंदिरों में धनिया के पंजीरी, लड्डृ सहित कई प्रकार के प्रसाद बनाए जाते हैं। इसी प्रसाद का मंदिरों और घरों में भगवान का भोग लगाया जाता है। इसे लेकर बुजुर्ग महिलाएं कई दिनों से तैयारियों में जुटीं थीं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों का भी बड़ा महत्व है।

प्रसाद खाने के फायदे 

आयुर्वेद चिकित्सक वैद्य ललन तिवारी ने बताया कि धनिया के पंजीरी प्रसाद से भगवान का भोग लगाया जाता है। धनिया से पेट ठंडा रहता है। इससे थायराइड बीमारी सही हो जाता है। उन्होंने कहा कि आटा-चावल के लड्डू के भी कई फायदे हैं। इससे भूख बढ़ती है। केला के प्रसाद का भी महत्व है। उपवास में शरीर को पौष्टिकता प्रदान करता है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading