पटना. चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने आरजेडी और तेजस्वी यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर पोटाशियम साइनाइड वाला बयान हैं, फिर भी उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती है. यह हैरानी की बात है. प्रशांत किशोर ने कहा कि बड़ी बात यह है कि तेजस्वी यादव उनके बयान से सहमत भी नहीं होते हैं. फिर भी शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई नहीं होना थोड़ा अजीब लगता है. आखिर यह कैसे संभव है. इसका मतलब है कि आरजेडी के शीर्ष लोग जान-बूझकर उनसे यह सब कहलवा रहे हैं.
दरअसल जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि शिक्षा मंत्री को मैं व्यक्तिगत तौर पर भी जानता हूं. चंद्रशेखर जी पढ़े-लिखे समझदार व्यक्ति हैं, जहां तक में समझता हूं कि ये चंद्रशेखर जी का व्यक्तिगत मामला नहीं है न ही व्यक्तिगत तीखा टिप्पणी है. ये दलगत मामला है दल वाले ही इनसे कहलवाते हैं. जहां तक ये बात कहना चाहिए कि नहीं तो आप जिस राज्य के शिक्षा मंत्री है वहां हर व्यक्ति मान रहा है कि शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है तो उनको शिक्षा को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए बजाय इसके कि ऊलजलूल बातें पार्टी के कहने पर पार्टी के नेताओं के कहने पर ये सब पार्टी वाले कराते हैं.
प्रशांत किशोर आरोप लगाते हैं कि ऐसा बयान जान बूझकर दिलवाया जाता है ताकि समाज में विद्वेष बढ़े. आपस में मारपीट झगड़ा-लड़ाई हो और रोजगार शिक्षा के नाम पर ध्यान भटका रहे हैं. RJD के नेता और तेजस्वी यादव सकारात्मक बात पर राजनीति करना चाहते हैं तो बिहार के लिए ये बहुत अच्छी बात है. RJD वालों ने अपने जीवन में कभी सकारात्मक बात तो की नहीं है. मीडिया को नसीहत दे रहे हैं तो मीडिया वालों को खुश होना चाहिए कि लालू जी के लड़के सकारात्मक राजनीति करने की बात कर रहे हैं. तेजस्वी यादव नए लड़के हैं और अगर इनकी समझ में आए की सकारात्मक राजनीति हो सकती है तो अच्छी बात है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने नेताओं और मंत्रियों को सलाह देनी चाहिए. ये कैसे संभव है कि उनका मंत्री बयान दे रहा है और तेजस्वी यादव को पता नहीं है. क्या आपको लगता है कि RJD में कोई मंत्री बयान दे देगा और पता नहीं होगा. सुधाकर सिंह ने बयान दिया वो कितने दिन मंत्रालय में रहे? वो जगदानंद सिंह के लड़के हैं इसके बावजूद उनको पद छोड़ना पड़ा. ऐसा कैसे संभव कि चंद्रशेखर जी बयान देते हैं तेजस्वी यादव उससे सहमत नहीं हैं और फिर भी उनपर कार्रवाई नहीं होती है. इतनी राजनीति तो सबको समझ आ रही है. खुद ही ये लोग बयान दिलवाते हैं ताकि समाज में हिन्दू-मुस्लिम हो और समाज में ध्रुवीकरण बना रहे ताकि उसी पर रोटी सेक कर राजनीति करते रहें.