नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का मामला SC पहुंचा, नीतीश से अलग KK Pathak की मंशा

बिहार: टीईटी शिक्षक संघ द्वारा नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए पटना हाई कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में 25 सितंबर को एसएलपी दायर कर दी है। उक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर टीईटी शिक्षक संघ ने दी है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि टीईटी शिक्षक संघ के खिलाफ एसएलपी याचिका दायर किया गया है।बिहार सरकार बनाम टीईटी शिक्षक संघ को सुप्रीम कोर्ट में डायरी संख्या- 39833/2023 मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा उठाए जा रहे विरोधी कदम से नियोजित शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बन गई है।

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एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए संघों के साथ बैठक करते हैं और जल्द दर्जा देने का आश्वासन देते हैं। वहीं, शिक्षा विभाग इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एलपीए दायर कर रहा है। इसके पीछे सरकार और अपर मुख्यसचिव केके पाठक की क्या मंशा है, यह समझना मुश्किल है। इस संबंध में संघ उच्चतम न्यायालय में वरीय अधिवक्ता से संपर्क कर आगे की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी फिलहाल बयान देने से बच रहे हैं।

कैबिनेट बैठक में फैसले की थी उम्मीद

बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग काफी समय से लंबित है। बीते सोमवार को हुई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर निर्णय होने की उम्मीद थी। हालांकि, नीतीश कुमार इसे लेकर शिक्षकों को पहले ही आश्वासन दे चुके हैं।

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