बिहार : अगर कुछ करने की चाहत हो तो इंसान की उम्र मायने नहीं रखती है. किसी ने सही कहा है अगर आप कुछ सोच सकते हैं तो यकीन मानिए आप उसको कर सकते हैं. ये लाइन सटीक बैठती है भागलपुर के पीरपैंती के रहने वाले पदम् श्री से सम्मानित डॉक्टर दिलीप सिंह पर. दिलीप सिंह की उम्र 98 वर्ष है. लेकिन इस उम्र में भी उन्होंने वो कमाल कर दिया जो अच्छे अच्छे रिसर्चर सोचते रह गए. दिलीप सिंह पेशे से डॉक्टर हैं. उन्होंने चिकित्सा की क्षेत्र में नई क्रांति ला दी है. दरअसल उन्होंने एक ऐसी दवाई बनाई है जो इंसान को नशा करने से मुक्त कर देता है. प्रधानमंत्री मोदी भी इनकी तारीफ कर चुके हैं.

भारत में मिला पेटेंट, अब इंटरनेशनल पेटेंट मिलने की संभावना
जब इसको लेकर दिलीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोगों को शुरू में पाउडर वाली दवाई बनाने की ट्रेनिंग मिली थी. मैंने होमियोपैथी की भी पढ़ाई की है. दोनों में नशा से दूर रखने की दवाई है. लेकिन हमने सोचा कि अगर दोनों को मिलाकर दवाई बनाई जाए तो ये और भी कारगर साबित हो सकता है. हमने वही किया. अभी तक करीब 400 लोगों ने दवाई खाई और धीरे धीरे नशा से मुक्ति मिलती गई. जिसको जिसको नशा से मुक्ति मिली सभी ने पत्र भी लिखकर भेजा कि मैं अब ठीक हो गया.
डॉक्टर ने बताया कि इसको पेटेंट भी मिल गया है. जल्द ही इंटरनेशनल पेटेंट मिलने की संभावना है. उन्होंने बताया कि जब मैं प्रधानमंत्री से मिला तो उनको इस दवाई के बारे में बताया तो उन्होंने तारीफ भी की. कहा आप एक सुदूर इलाके में रहकर भी अच्छा काम कर रहे हैं.
