बिहार : जदयू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, लगातार ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच आपसी विवाद खुलकर सामने आ रहा है. पार्टी में इस तरीके की आपसी मतभेद को लेकर जहां बीजेपी चुटकी ले रही है, तो वहीं राजद और जदयू बीजेपी पर निशाना साध रही है. ललन सिंह और अशोक चौधरी के बढ़ते विवाद पर भाजपा ने जदयू पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लड़ाई ललन सिंह और अशोक चौधरी की नहीं है, बल्कि ललन सिंह और नीतीश की है. यह लड़ाई सीधे नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच है. अशोक चौधरी को मोहरा बनाया जा रहा है और जदयू जल्द ही दो भागों में बंट जाएगा. कुछ लोग हमारे पास आ जाएंगे, तो कुछ लोग कहीं और चले जाएंगे और नीतीश कुमार हरिद्वार जाएंगे.

पार्टी में मतभेद को लेकर बीजेपी ने ली चुटकी
वहीं, जदयू ने बीजेपी के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी नीतीश कुमार से डरती है, घबराती है. इसलिए बीजेपी इस तरीके का प्रचार प्रसार करती है. पार्टी पूरी तरीके से एकजुट है. कार्यकर्ता से लेकर नेता तक नीतीश कुमार के साथ हैं और कोई पार्टी में मतभेद नहीं है. पार्टी के नेताओं के बीच किसी भी तरीके का कोई झगड़ा लड़ाई नहीं है. सबके अपने-अपने राय होते हैं, लेकिन यहां कोई डिक्टेटरशिप नहीं चलता है.
बीजेपी में डिक्टेटरशिप
बीजेपी में डिक्टेटरशिप चल रहा है. बीजेपी पार्टी नहीं है बीजेपी एक कॉरपोरेट संस्थान है, जहां एक सीईओ है और वह जो कहते हैं, वह होता है. यहां पर सभी का सम्मान है. इसलिए यहां पर किसी भी तरीके का कोई मतभेद नहीं है. जनता दल यूनाइटेड एकजुट है. हम लोग सब नीतीश कुमार के सिपाही हैं और जनता दल यूनाइटेड को बीजेपी कभी भी तोड़ नहीं सकती है और ना ही खरीद सकती है.

राजद ने जदयू की लड़ाई पर दी सफाई
वही राजद ने ललन सिंह और अशोक चौधरी के बढ़ते विवाद को लेकर कहा कि यहां कोई विवाद नहीं है .अशोक चौधरी ने खुद ललन सिंह को लेकर यह बयान दिया था और कहा था कि यह मेरे बड़े भाई है, कुछ भी बोल सकते हैं, लेकिन बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है. बीजेपी अभी भी आस लगाई हुई है कि कुछ भी हो कि नीतीश कुमार को अपने पाले में आ जाए और बीजेपी नीतीश कुमार को अपने पाले में लाने के लिए थूक कर चाटने को भी तैयार है. यही कारण है कि लगातार इस तरीके का प्रचार प्रसार किया जाता है, लेकिन हम लोग एकजुट हैं.
नीतीश कुमार अपनी पार्टी को बचा पाएंगे!
इंडिया गठबंधन एकजुट है. बिहार में महागठबंधन एकजुट है और बीजेपी का आने वाले चुनाव में खाता भी नहीं खुलेगा. अब देखना यह होगा कि ललन सिंह और अशोक चौधरी के बढ़ते विवाद के बीच भाजपा का यह दवा कितना सही साबित होता है कि जदयू दो भागों में टूटने जा रही है? क्या नीतीश कुमार अपनी पार्टी को नहीं बचा पाएंगे?