जातीय जनगणना पर मुख्यमंत्री नीतीश की बैठक शुरू, जाने कौन सा दल मीटिंग में हुआ शामिल

पटनाः बिहार सरकार की ओर से  जातीय गणना की रिपोर्ट 2 अक्टूबर को जारी कर दी गई. प्रभारी मुख्य सचिव और विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंद्र ने रिपोर्ट जारी की. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती समारोह के मौके पर इसकी जानकारी दी थी. अब आज यानी 3 अक्टूबर को विधानसभा की सभी 9 पार्टियों के साथ सीएम साढ़े तीन बजे से बैठक कर रहे हैं.

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मीटिंग में ये दल शामिल

मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी पहुंचे. विधानसभा में सभी 9 दल के नेता इस बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. माले से महबूब आलम, कांग्रेस से शकील अहमद खान, सीपीआई से अजय कुमार, आरजेडी से तेजस्वी यादव, बीजेपी से विजय सिन्हा और हरि सहनी. एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान बैठक में मौजूद हैं.

2 करोड़ 83 लाख 44107 परिवारों का सर्वेक्षण

बिहार में जातीय गणना का काम इस साल 7 जनवरी को शुरू हुआ था और पहले चरण का कार्य 21 जनवरी तक पूरा होना था लेकिन उसे 31 जनवरी तक बढ़कर पूरा किया गया जिसमें मकान की सूची तैयार की गई। दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से शुरू किया गया मामला कोर्ट में जाने के कारण जनगणना का कार्य 5 अगस्त को पूरा हुआ और 2 अक्टूबर को रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट में अभी ना तो पारिवारिक आंकड़ा जारी किया गया है और ना ही आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ही जारी की गई है. ऐसे रिपोर्ट में 7.90 करोड़ प्रविष्टि की जांच की गई है और 2 करोड़ 83 लाख 44107 परिवार का सर्वेक्षण किया गया है.

सभी दलों के सामने पेश की जाएगी रिपोर्ट

जातिगत गणना का आधार शैक्षणिक योग्यता, कार्यकलाप, आवासीय स्थिति, अस्थाई प्रवासीय स्थिति कंप्यूटर , लैपटॉप की उपलब्धता, मोटर यान की उपलब्धता, कृषि भूमि, आवासीय भूमि और सभी स्रोतों से मासिक आय के बारे में जानकारी लेने की बात कही गई है। जनगणना के काम में तीन लाख से अधिक कर्मियों ने अपनी भागीदारी दी है और उसके बाद एप के माध्यम से आंकड़ों को तैयार किया गया है. अब आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी 9 दलों के साथ बैठक कर जातीय गणना के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे और आगे क्या कुछ करना है उसकी रणनीति तैयार होगी.

27 जातियों की संख्या 1000 से भी कम

जातीय गणना के आंकड़ों में 81.99% हिंदू तो वही 17.7% मुस्लिम है सबसे कम जैन धर्म के लोग हैं, इनकी संख्या केवल 0.0096 % है. जातियों में सबसे अधिक यादव जाति का प्रतिशत है 14.26% है. राज्य में 27 जातियों की संख्या 1000 से भी कम है. भास्कर जाति के सिर्फ 37 लोग हैं वही 2021 की तुलना में ब्राह्मण भूमिहार राजपूत और कायस्थ के साथ कुर्मी की आबादी भी घटी है, तो वहीं यादव में 3% से अधिक इजाफा हुआ है मुस्लिम की आबादी में भी वृद्धि हुई है. जातीय गणना की रिपोर्ट में किन्नर की आबादी केवल 825 बताई गई है.

जातीय गणना पर खर्च हुई 500 करोड़ की राशि

आपको बता दें कि बिहार सरकार ने जातीय गणना पर 500 करोड़ की राशि खर्च की है. अब जातीय गणना की रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार के आगे क्या रणनीति बनाती है यह भी देखना है, लेकिन आज की बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि रिपोर्ट को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. ऐसे में पूरी रिपोर्ट जारी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी और आज यह रिपोर्ट सभी दलों के सामने प्रस्तुत की जाएगी.

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