मिठाइयों के शौकीन सावधान: नवरात्रि, दीपावली-छठ पूजा जैसे त्योहारों पर हो सकता है मि’लावटी मिठाइयों का कारोबार

बिहार : शारदीय नवरात्र, दीपावली तथा छठ का महापर्व आने को है। पर्व में मिठाई की बात न की जाए, ऐसा नहीं हो सकता। प्यार, प्रेम और उल्लास के त्योहारों में विभिन्न पकवानों के साथ मिठाइयों का विशेष महत्व रहता है, लेकिन मिठाइयों का सेवन जरा संभल कर ही करें। त्योहारों के मौके पर मिलावटी मिठाइयों का कारोबार भी खूब फलता-फूलता है। ऐसे में, मिठाइयों की खरीद करते समय दुकानों की चमक-दमक पर कतई न जाएं, बल्कि जांच-परख कर ही मिठाइयां खरीदें।

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त्योहारों के मौके पर मिठाइयों की मांग अधिक बढ़ जाती है। मिठाई बेचने वाले कारोबारी भी इस मौके का फायदा उठाने से नहीं चूकते हैं। बाजार में मुनाफे के लालच में मिलावटखोर जमकर नकली मावा, खोया और दूध से बनी मिठाईयां उतार देते हैं, जो जाने-अनजाने हम और आप के घरों तक पहुंच जाती हैं। जिले में बड़ी मात्रा में दूध, पनीर, खोया और मावा की आमद गोपालगंज, गोरखपुर और बनारस से आता है। खाद्य सुरक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद शहर में मिलावट के कारोबार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

घर पर बनी मिठाई सुरक्षित

बाजार की मिठाइयों में होने वाली मिलावट को देखते हुए अधिकांश लोग अपने घरों में पर्व के लिए मिठाइयां तैयार कर सकते हैं। इसमें शुद्धता की पूरी गारंटी होती है। यही वजह है कि लोग बाजार से कच्चा माल खरीदकर खुद घर पर ही अधिकांश मिठाइयां तैयार करने में जुटे हैं।

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रंगीन मिठाइयों में होते हैं हानिकारक रसायन

देखने में दिलकश लगने वाली मिठाइयों को खरीदने में सावधानी जरूर बरतें, क्योंकि इनके चटक चमकीले रंगों में आपके परिवार व मित्रों के लिए पोषक तत्व नहीं बल्कि हानिकारक रसायन ही मिले होते हैं।

बाजार की मिठाइयों में ऐसे कई मिलावटी व सिथेटिक रंगों का इस्तेमाल होता है जो शरीर की पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचाते हैं। इनके प्रभाव से पेट में गड़बड़ी, चक्कर, उल्टी, सिरदर्द, अनिद्रा, त्वचा में खुजलाहट जैसी शिकायत सामने आती हैं।

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