पटना. जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी भागीदारी की बात अब बिहार की आगामी राजनीति का मुद्दा बनने जा रहा है. इस बात के संकेत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी दिए हैं. उन्होंने जातिगत जनगणना रिपोर्ट आने के बाद जातियों की आबादी के हिसाब से आरक्षण की बात करते हुए कहा है कि जातीय गणना के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाएगा.

दरअसल, मंगलवार देर रात को लालू प्रसाद यादव दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार में हम लोगों ने जातीय गणना कराई है. यह अब पूरे देश में होनी चाहिए. इससे पूरे देश के गरीबों और दलितों को लाभ होगा. लालू ने कहा कि सबको उचित अधिकार मिलेगा. जब उनसे पूछा गया कि जिन जातियों की जैसी संख्या आई है, उस अनुपात में आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाएगा? इस पर लालू यादव ने कहा हां, बढ़ाया जाएगा. बीजेपी ने इतने तक हक मारा, अब उसकी हकमारी पकड़ में आ गई है.
बता दें कि कमोबेश यही मांग पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी की है. मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से मांग की है कि वह राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर संख्या आधारित मंत्री परिषद का गठन करें. जिसकी जितनी संख्या भारी, मिले उसको उतनी हिस्सेदारी के तर्ज पर मंत्रि परिषद का गठन किया जाए. इससे समाज के हर तबके को प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा. दरी बिछानेवाला जमाना गया, जो बिछाएगा वही बैठेगा.

बता दें कि जातीय गणना रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में कुल 13 करोड़ से अधिक की आबादी है. इसमें से सबसे ज्यादा 63% ओबीसी ( 27% पिछड़ा वर्ग+ 36% अत्यंत पिछड़ा वर्ग) वर्ग की आबादी है. इसके बाद बिहार बिहार में SC वर्ग की 19% है. अनुसूचित जनजाति यानी ST वर्ग की आबादी 1.68% है. बिहार में अनारक्षित (जनरल) की तादाद 15.52% है.