राजनीति के बाद अब बिहार के स्कूलों में भी गठबंधन, एक ही कक्षा में चार स्कूलों के पढ़ रहे बच्चे

राजनीतिक पार्टियों की तरह अब स्कूलों में भी शिक्षण कार्य के लिए गठबंधन हो रहा है। सरकार का आदेश है कि एक परिसर में जहां भी एक से अधिक स्कूल संचालित होंगे वहां कक्षाओं का संचालन समन्वय स्थापित कर किया जाएगा। कुछ ऐसी ही स्थिति प्राथमिक विद्यालय, नाला रोड परिसर में दिखी। यहां एक ही परिसर में विभिन्न मोहल्लों के नाम पर चार स्कूल चल रहे हैं, लेकिन यहां सभी की समय सारिणी भी एक ही है।

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वर्ष 2006 से एक ही परिसर में संचालित हो रहे चार स्कूल

प्राथमिक विद्यालय, नाला रोड, पटना परिसर में वर्ष 2006 में बालिका मध्य विद्यालय बापू स्मारक के नाम से भवन का निर्माण हुआ। इसके बाद मछुआ टोली में नगर निगम की जमीन पर एक ही कैंपस में संचालित हो रहे बालक मध्य विद्यालय, मछुआ टोली और नवीन कन्या मध्य विद्यालय, मछुआ टोली को इस परिसर में शिफ्ट कर दिया गया। अब भी ये स्कूल यहीं संचालित हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार, बालक मध्य विद्यालय मछुआ टोली और नवीन कन्या मध्य विद्यालय, मछुआ टोली का नगर निगम कार्यालय के पास अपना भवन था।

यहीं पर प्राथमिक शिक्षक संघ का कार्यालय हुआ करता था। आज यह जमीन खाली है और नगर निगम के अधीन है। अधिकारियों के अनुसार, उस समय कहा गया था कि इस जगह पर मछुआ टोली के नाम पर संचालित दोनों स्कूल को जमीन आवंटित की जाएगी, लेकिन आज तक जमीन आवंटित नहीं हुई।

संयुक्त रूप से होता है कक्षाओं का संचालन

प्राथमिक विद्यालय, नाला रोड परिसर में चल रहे चारों स्कूल सरकारी आदेश के अनुसार, आपसी समन्वय कर संयुक्त रूप से संचालित होते हैं। इन स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है।

स्कूल का संचालन सुबह नौ बजे से चार बजे तक होता है। उदाहरण स्वरूप अगर कक्षा एक संचालन करना है तो चारों स्कूल आपस में समन्वय स्थापित कर कक्षा एक का संचालन संयुक्त रूप से करेंगे। इसी तरह अन्य कक्षाओं का संचालन किया जाता है।

जगह बनाने के लिए चार कक्षाओं को दो-दो भाग में बांटा गया

स्कूलों के भवन में कुल मिलाकर कक्षा संचालन के लिए आठ कमरे थे। जब स्कूलों की कक्षाओं को संयुक्त रूप से संचालित करने का आदेश हुआ तो आठ में से चार कक्षाओं को छोटी -छोटी दीवार से घेर कर चार अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण किया गया। यानी 12 कमरे बनाए गए।

एजेंसी वाले नहीं आते शौचालय की सफाई करने

चारों स्कूल के नाम से अलग-अलग शौचालय हैं। सभी शौचालय पर स्कूल का अलग-अलग नाम लिखा हुआ है। सरकारी स्तर पर शौचालय की सफाई के लिए एजेंसी बहाल की गई है, लेकिन इसकी सफाई पर स्कूल प्रबंधक सौ-सौ रुपये अपने स्तर से खर्च करते हैं।

जहां अधिक शिक्षक होंगे किया जाएगा तबादला

जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि जहां दो या उससे अधिक स्कूल हैं, वहां जगह की कमी को देखते हुए कक्षाओं को मर्ज कर दिया गया है। बाद में कम बच्चे स्कूलों को भी दूसरे स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा। जहां शिक्षक अधिक होंगे उनको दूसरे जगह स्थानांतरण किया जाएगा। बहुत सारे स्कूलों में शिक्षकों की कमी है।

 

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