क्या नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को सौंप देंगे अपना ‘ताज’ या अभी करेंगे इंतजार?

बिहार : तेजस्वी यादव के कंधे पर हाथ रखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि “अब यह बच्चा मेरे लिए सब कुछ है”. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान के बाद बिहार में सियासी हलचलें बढ़ गई है. जदयू में इसपर मंथन का दौड़ शुरू हो गया है. इधर, आरजेडी में जश्न का माहौल है. कांग्रेस ने नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कुछ कहा है, उसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है. यह सब तो पहले से ही तय है.

Bihar political crisis postponed? Nitish gives more time to Tejashwi Yadav  - India Today

राजनीतिक पंडित नीतीश कुमार के इस बयान का अपने-अपने स्तर से राजनीतिक विश्लेषण कर रहे हैं. नीतीश के पुराने बयानों को जोड़ रहे हैं. उसका विश्लेषण कर रहे हैं. इनका कहना है कि एमपी और राजस्थान विधान सभा चुनाव के बाद एक नई राजनीतिक परिवर्तन की आहट देखने को मिलेगी. इसकी बानगी एमपी में दिखने लगी है. समाजवादी पार्टी और जदयू ने यहां पर कांग्रेस के खिलाफ अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. यह ‘इंडिया’ गठबंधन में जो कुछ चल रहा है उसको समझने के लिए काफी है.

नीतीश का बयान पहली बार नहीं
ऐसा नहीं है कि सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को तेजस्वी को लेकर जो कुछ कहा वह पहली बार कहा है. वे इस प्रकार की चर्चा पहले भी करते रहे हैं. कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने तो कहा था कि 2020 के विधान सभा चुनाव में उन्होंने अपनी क्षमता साबित करते हुए महागठबंधन को जीत के काफी करीब पहुंचा दिया था. इसलिए मैं चाहता हूं कि तेजस्वी अगले चुनावों (वर्ष 2025) का नेतृत्व करें. नीतीश कुमार के इस बयान पर तब जद (यू) में खलबली मच गई थी. संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

नीतीश कुमार पर उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन करते हुए अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ एक “सौदा” किया है. एक बार तो सार्वजनिक मंच से नीतीश कुमार ने भूल से ही सही तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बता दिया था. उसके बाद जमकर बवाल हुआ था. बहरहाल तेजस्वी को लेकर नीतीश कुमार के ताजा बयान के बाद जदयू में सीनियर नेताओं के बीच मंथन चल रहा है. जितनी मुंह उतनी बातें हो रही हैं.

तेजस्वी के नाम पर एकमत नहीं जेडीयू
तेजस्वी यादव को नेता मानने पर जदयू नेता एकमत नहीं दिख रहे. इनका कहना है कि ऐसा हुआ तो हमें अपने राजनीतिक भविष्य पर सोचना पड़ेगा. कुछ ऐसे भी हैं जो जदयू और आरजेडी की इस नई दोस्ती में अपना भविष्य देख रहे हैं. इधर, नीतीश कुमार के ताजा बयान के बाद बिहार में आरजेडी नेता भले ही अभी खुलकर न कह रहे हों, लेकिन दबी जुबान से कहते हैं कि आने वाले समय में नीतीश कुमार बिहार की ज़िम्मेदारी तेजस्वी यादव को ही सौंप देंगे. आरजेडी नेता 2020 के विधान सभा चुनाव की चर्चा करते हुए कहते हैं कि सीएम ने तो पहले ही बिहार के पूर्णिया ज़िले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है… और अंत भला तो सब भला. इससे साफ है कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को अपना सियासी उतराधिकारी के तौर पर स्थापित करने लगे हैं.

सियासी जानकारों की राय
सीनियर पत्रकार लव कुमार मिश्रा कहते हैं कि नीतीश कुमार द्वारा बार-बार तेजस्वी यादव को प्रोजेक्ट करने से साफ है कि वे तेजस्वी को लगभग अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुके हैं. हाल के दिनों में जिस प्रकार नीतीश कुमार तेजस्वी को लेकर बयान दे रहे हैं, उससे साफ है कि जल्द ही सत्ता पर तेजस्वी की ताजपोशी हो सकती है. इसका संकेत तो बहुत पहले ही बिहार प्रदेश आरजेडी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दिया था. उन्होंने 2022 में ही कहा था कि तेजस्वी यादव साल 2023 में बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. संभवतः नीतीश कुमार हाल के दिनों में जो कुछ कह रहे हैं वह सब इसी प्लानिंग के तहत बोल रहे हैं.

 

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