जब सरकार द्वारा लाखों खर्च करने बाद भी शिक्षक नही पढ़ाते दिखते हैं तो गुस्सा आता है: केके पाठक

सम्मान चाहिए तो बच्चों को पढ़ाईये, वरना सम्मान के लिए तरसते रह जाएंगे। नहीं पढ़ाने वाले शिक्षकों को देखकर मुझे बहुत गुस्सा आ जाता है। शिक्षकों के वेतन पर चालीस हजार करोड़ रुपया महीना खर्च होता है, उसके बाद भी काम नहीं करते हैं तो गुस्सा आता है।

उक्त बातें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जेके प्लस टू स्कूल में कहीं। वे शुक्रवार की सुबह स्टेशन के निकट स्थित जेके प्लस टू स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। एसीएस सबसे पहले बरौनी प्रखंड के केशावे स्कूल पहुंचे वहां से उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सुशीलनगर और फिर जेके प्लस टू स्कूल पहुंचे थे।

केके पाठक ने पूछे ये सवाल

यहां पर मैदान के समतलीकरण सहित अन्य निर्देश भी दिए। उसके बाद वे उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कंकौल के निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पर भी शिक्षकों की उपस्थित, बच्चों की उपस्थिति सहित अन्य प्रश्न भी पूछे।

फिर बलिया प्रखंड के जीडीआर प्लस टू स्कूल बलिया और वहां से साहेबपुर कमाल प्रखंड के मध्य विद्यालय बिंद टोली का निरीक्षण करने के उपरांत खगड़िया चले गए। वे गुरुवार की रात्रि करीब साढ़े नौ बजे डायट शाहपुर पहुंचे थे।

 

वहां से निकलने के बाद शहर के विष्णुपुर स्थित शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र में रात करीब 11 बजे पहुंचे। इस दौरान कुछ व्याख्याता सो गए थे, मगर उनके पहुंचने की सूचना पर आनन-फानन में उन्हें उठाकर बुलाया गया, सभी को एक हाल में जमा किया गया।

 

प्रशिक्षण केंद्र पर ही दीपावली मनाने को कहा

जहां उन्होंने बीपीएससी शिक्षक अभ्यर्थियों से बात की। उन्हें प्रशिक्षण केंद्र पर ही दीपावली मनाने को कहा। उनके साथ डीएम रोशन कुशवाहा, डीईओ शर्मिला राय, डीपीओ स्थापना रविंद्र कुमार, डीपीओ एमडीएम चंदन कुमार, डीपीओ माध्यमिक खशबू कुमारी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

 

 

 

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