बिहार : दीपावली के अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा मनाया जाता है.दिवाली के पंच पर्व का ये चौथा त्योहार होता है.इस साल गोवर्धन पूजा की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति है.कुछ लोग 13 नवम्बर तो कुछ लोग 14 नवम्बर को यह पर्व मनाने की बात कह रहे है.आप भी गोवर्धन पूजा के तारीख को लेकर कन्फ्यूज है तो काशी के ज्योतिषाचार्य से अपना कन्फ्यूजन दूर कर लीजिए.
इस साल 13 नवम्बर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है.जो 14 नवम्बर को 2 बजकर 35 मिनट तक होगा.ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 14 नवम्बर को ही गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा.
जानें शुभ मुहूर्त
पंचाग के अनुसार, गोवर्धन पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 14 नवम्बर की सुबह 6 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इस दौरान गोबर का गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करनी चाहिए.

यह है कथा
धार्मिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन ही देवताओं के राजा इंद्र का घमंड तोड़ा था और गोवर्धन पर्वत उठाकर वृदावन वासियों की रक्षा की थी इसलिए इस दिन गोवर्धन पर्वत के पूजन का विधान है.
गोवर्धन पूजा के ही दिन काशी के मंदिरों में अन्नकूट की परंपरा भी निभाई जाती है.इस दिन वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर के अलावा सभी प्रमुख मंदिरों में 56 तरह के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है और इन्ही व्यंजनों से भगवान का श्रृंगार होता है.